Wednesday, May 8 2024 | Time 00:06 Hrs(IST)
 logo img
झारखंड


सिमडेगा में बढ़ने लगा है जहर का कहर

अंधविश्वास के कारण जा रही लोगों की जान
सिमडेगा में बढ़ने लगा है जहर का कहर
न्यूज11 भारत




सिमडेगा: जंगलों-पहाडों से आच्छादित सिमडेगा के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जहरीले सांपों का आतंक छाया है. इनके जहर के कहर से कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं. सर्पदंश के बाद ओझा-गुणी के चक्कर में फंस कर लोगों की जानें जा रही है. जिले में बढता जहर का कहर चिंता का विषय बनता जा रही है.

 

जंगलों-पहाडों के बीच बसे सिमडेगा के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जहरीले सांपो का आतंक छाया है. भीषण गर्मी के बाद बारिश की फुहार पडते हीं जमीन के अंदर घुसे हुए सांप बाहर निकल जाते आए हैं और बाहर की गर्मी से बचने के लिए ये सांप लोगों के घरों में भी घुस जाते हैं. ग्रामीण इलाकों में इन दिनों अक्सर बडे़-बडे़ जहरीले सांप निकल कर लोगों के घरों तक पंहुच रहे हैं, जहां इन विषधरों से अंजान लोग बेवजह इनकी जहर का शिकार हो जाते हैं. 

 

दरअसल सिमडेगा के ग्रामीण ईलाको में लोगों की लिविंग स्टाइल थोडी अलग है. अधिकांश घर कच्चे और खपडों के होते हैं, जहां असानी से सांप घुस जाते हैं. बरसात के शुरूआती दिनों में उमस भरी गर्मी भी होती है. जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग जमीन पर सोते हैं. सांप इनके बिस्तर पर चढ़कर इन्हें अपना शिकार बना लेते हैं.  सिमडेगा सदर अस्पताल की रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 14 महीने में सिर्फ सदर अस्पताल में 132 सर्पदंश के केस आए हैं जिनमें से 14 लोगों की मृत्यु हुई है.

 

ये आकंडे़ सिर्फ सदर अस्पताल के हैं, पुरे जिला का आकंड़ा इससे अधिक है. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां जहर का कहर कितना हावी है. ये तो वो मामले हैं जो अस्पताल पंहुचते हैं. सिमडेगा में सर्पदंश के बाद मौत के बढते मामलों के पीछे अंधविश्वास भी एक सबसे बडा कारण है. यहां तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति यह है कि जब लोगों को सांप डंसता है तो लोग पहले झाड़-फूंक करवाते हैं. झाड़-फूंक वाले भी ग्रामीण को कई बार बताते हैं कि झाड़-फूंक से हीं जान बचेगा. लेकिन जब मामला बिगडता दिखता है तब हीं लोग मरीज को अस्पताल ले जाते हैं. इस चक्कर में कभी-कभी देर हो जाने के कारण सर्पदंश के मरीज की मौत भी हो जाती है और कई मामले तो डर के कारण भी सरकारी रिकार्ड में नहीं आते हैं.

 

सिमडेगा के ग्रामीण क्षेत्रों में ओझा-गुणी अपने सब्जबाग से लोगों के दिलों-दिमाग पर इस तरह कब्जा जमा लेते हैं कि लोग झाड़-फूंक के बाद मृत हो जाने पर मरीज का पोस्टमार्टम तक नहीं कराना चाहते हैं. सूत्रों की मानें तो ओझा-गुणी इनके दिमाग में ये बात बैठा दिए हैं कि सांप ईश्वर के प्रकोप के कारण डंसता है. मौत होने पर शरीर में चीरा लगेगा तो मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलेगा. यही कारण है कि लोग पोस्टमार्टम से भी दुर भागते हैं.

 

पिछले कई केस ऐसे हीं सामने आए हैं जहां सर्पदंश से मृत लोगों का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस प्रशासन को लोगों की विरोध का भी सामना करना पडा है. ठेठईटांगर थाना क्षेत्र के ताराबोगा गौरीडुबा गांव में दो बर्ष पूर्व एक साथ जमीन में सोई तीन बच्ची सर्पदंश का शिकार हो गई थी. झाड़-फूंक के कारण तीनों ने दम तोड दिया था. इसके बाद भी मृत बच्चियों को झाड़-फूंक करके फिर से जीवित करने का दावा करते हुए ओडिसा ले जाने की जिद पर अड़े थे. उस वक्त ठेठईटांगर पुलिस को ग्रामीणों के काफी विरोध का सामना करते हुए बच्चियों का पोस्टमार्टम कराना पड़ा था. पिछले वर्ष भी जलडेगा में दो तीन सर्पदंश के मामलों में ओझा-गुणी के चक्कर में पुलिस और प्रखंड प्रशासन को लोगों का विरोध झेलना पडा था. बीते शुक्रवार का हीं मामला है बानो में सर्पदंश से एक 13 वर्षीय बच्ची की मौत झाडफुंक के चक्कर में हो गई. बच्ची का पोस्टमार्टम कराने में बानो पुलिस को काफी विरोध का सामना करना पड़ा. इसी तरह के कई मामले हैं जहां ओझा-गुणी प्रशासन पर हावी होने लगते हैं.

 

सिमडेगा सिविल सर्जन डॉक्टर पीके सिन्हा ने भी जिले में सर्पदंश के अधिक मामलों की बात स्वीकारते हुए कहा कि ओझाओं के चक्कर में लोग ईलाज के लिए देर से पंहुचते हैं. कई बार तो लोग अस्पताल तक भी नहीं पंहुच पाते झाड़-फूंक के चक्कर में जान गवां देते हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि दो वर्ष पूर्व जिले में ओझा-गुणी के खिलाफ स्पेशल ड्राइव चलाई गई थी. जिसमें ओझाओं को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाती थी. एक बार फिर से ओझा-गुणी के खिलाफ उसी तरह की ड्राइव चलाने की आवश्यकता है. सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की है कि लोग ओझा-गुणी के चक्कर में न पड़े. सर्पदंश के मामले होने पर जल्द-से-जल्द नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पंहुचे. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के साथ-साथ जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश की दवा उपलब्ध है.

 

सर्पदंश की घटना के बाद लोग समय पर अस्पताल पंहुच जाएं तो शायद मृत्यु के आकंड़ों में कमी आ सके. लोगों से हमारी भी अपील है कि सर्पदंश का ईलाज झाड़-फूंक नहीं है. वे झाड़-फूंक के चक्कर में न फंसे समय रहते अस्पताल पहुंचे और अपनों की जान बचाएं.

 

अधिक खबरें
जब्त पैसों का क्या करती है ED, जानिए क्या है Process
मई 07, 2024 | 07 May 2024 | 10:19 PM

वर्तन निदेशालय (ED) ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के OSD के सहायक जहांगीर के घर से 45 करोड़ रुपए बरामद किया है. ED को कार्रवाई में जब्त संपत्ति जब्त करने का अधिकार है. ईडी छापेमारी के दौरान जीतने भी पैसे जब्त करता, उसका पहले आरोपी से सोर्स पूछा जाता है. अगर आरोपी द्वारा सोर्स की जानकारी नहीं प्रदान की जाती है तो ED बरामद पैसों को जब्त कर लेती है. रांची से ED ने अलग-अलग छापेमारी में 45 करोड़ से ज्यादा की नकदी जब्त कर ली है.

दुगदा रेलवे साइडिंग में कोयले के साथ चारकोल मिला कर पावर प्लांटों को किया जा रहा सप्लाइ, दो कंपनियों पर दर्ज हुई प्राथमिकी
मई 07, 2024 | 07 May 2024 | 9:26 PM

दुगदा रेलवे साइडिंग से कोयले के अवैध धंधे का खुलासा हुआ है. झारखंड पुलिस को मिली इनपुट के आधार पर रांची मुख्यालय से आयी पुलिस की एक विशेष टीम ने दुगदा रेलवे साइडिंग में छापेमारी किया था. इस दौरान पुलिस ने बताया कि दुगदा में अच्छे कोयले में चारकोल मिला कर कई पावर प्लांट में सप्लाइ की जा रही है. रांची से आई पुलिस की टीम जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर आभाष कुमार कर रहे थे. उन्होंने छापेमारी के दौरान पाया कि दुगदा में बीकेबी कंपनी व एके लॉजिस्टिक कंपनी के डिपो में मिलावटी कोयला मिला है.

ED ने जमशेदपुर में जुगसलाई के गौशाला नाला रोड पर एक बिल्डर के यहां की छापामारी
मई 07, 2024 | 07 May 2024 | 8:08 AM

लाई के गौशाला नाला रोड पर एक बिल्डर के यहां ईडी ने छापामारी की है. ईडी ने मंगलवार की शाम छापामारी की. ईडी के अधिकारी थोड़ी देर तक गौशाला नाला रोड स्थित बिल्डर के आवास पर रहे.

ED की कार्रवाई में करोड़ों रुपए बरामद, कई अधिकारी व राजनेता आएंगे टेंडर कमीशन के खेल की जद में
मई 07, 2024 | 07 May 2024 | 7:51 PM

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के OSD संजीव लाल के सहायक के घर से जब्त करोड़ रुपये को लेकर ED ने जांच के बाद खुलासा किया है किया है कि बरामद पैसा टेंडर घोटाला और मनी लाउंड्रिग से जुड़ा हुआ है. ED ने दावा किया है कि इस पूरे मामले में कई अधिकारी संलिप्त हैं और कई नेता बड़े नेताओं का उन्हें संरक्षण प्राप्त है.

राजमहल से लोबिन हेम्ब्रम के नामांकन दर्ज करते ही बढ़ गई सियासी गर्मी
मई 07, 2024 | 07 May 2024 | 6:12 AM

जेएमएम के कद्दावर नेता व बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रोम की राजमहल सीट से नामांकन दर्ज करवाने के बाद राज्य की सियासी सरगर्मी बढ़ गई है, बता दें कि सातवें चरण में होने वाली चुनाव को लेकर 7 से 14 मई तक नामांकन दर्ज किया जाएगा। 17 मई तक नाम वापसी का समय दिया गया है, इस चरण में राजमहल सीट पर वोटिंग होना है, आज इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में लोबिन हेम्ब्रम ने पर्चा भर दिया है. हलांकि लोबिन ने ये आश्वासन दिया है कि वे बागी नहीं हैं.