न्यूज11 भारत
रांचीः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के खिलाफ केंद्र सरकार ने कार्रवाई करते संगठन को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया है. बता दें, पीएफआई पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठन के साथ संबंध होने का आरोप लगा है. केंद्र ने PFI के अलावा उसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की है. उसका मानना है कि पीएफआई राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल है. उसके सक्रिय रहने से समाज की शांति को खतरा है. इधर, केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद देश में सियासी हलचल भी तेज होने लगी है. कई राजनेता और राजनीतिक पार्टियों ने सरकार के इस फैसले को सही बताया है, वहीं कई पार्टियों ने पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी समान प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है.
पीएफआई पर बैन लगने पर की निंदा
बता दें, पीएफआई की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह देश में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अघोषित आपातकाल का हिस्सा था. इसके अलावे बिहार में जदयू नेताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले को गलत कहा है, उन्होंने केंद्र को घेरना भी शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि किसी भी संगठन पर बैन लगाना ठीक नहीं.
आरएसएस पर भी लगे प्रतिबंध- लालू यादव
कई नेता भारत सरकार के पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई का समर्थन कर रहे है हालांकि वे आरएसएस पर भी इसी तरह समान कार्रवाई करने का सरकार से आह्वान कर रहे है. इस मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा है कि, आरएसएस एक हिंदू चरमपंथी संगठन है. उन्होंने कहा कि पीएफआई का जांच हो रही है और इसकी तरह जितने भी संगठन हैं आरएसएस समेत उन सब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है. लालू ने कहा कि देश में अक्लियत लोगों को हिंदू-मुस्लिम करके तोड़ने की कोशिश जारी है.
जदयू ने बैन का किया विरोध
जदयू के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने बीजेपी नेताओं पर देश में तांडव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएफआई एक सियासी विंग है. उस पर रोक लगाने से पहले केंद्र सरकार को जांच करनी चाहिए थी. जमा खान ने कहा कि पीएफआई ही नहीं किसी भी संगठन को ऐसे बैन करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व आपके हाथ में है. इसका यह मतलब नहीं कि आपका जो मन करे वह आप कीजिएगा. आप जो कर रहे हैं, जनता उसे देख रही है. इसका 2024 में हिसाब होगा. अब यही रह गया है कि इसको बंद कर दें, उसको बंद कर दें. इसके अलावा कोई काम नहीं है. हर जगह हर राज्य में चर्चा का विषय है कि बीजेपी के लोग तांडव कर रहे हैं. सिर्फ उसी की बात हो रही है.