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बोकारोः बोकारो के बालीडीह थाना प्रभारी और थाने की पुलिस पर एक शिक्षक और उसकी पत्नी की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है. पीड़ित शिक्षक को चोरी के मामले में संदेही अभियुक्त बनाए जाने पर थाने बुलाकर पूछताछ करने के दौरान मारपीट किए जाने की बात कही जा रही है. हालांकि इस मामले में बोकारो एसपी चंदन कुमार झा ने मुख्यालय डीएसपी मुकेश कुमार को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. मुख्यालय डीएसपी इस मामले की जांच में जुट गए हैं.
पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर लगाए आरोप
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि चोरी के मामले में थानेदार के द्वारा फोन कर 30 दिसंबर को रात 8 बजे पीड़ित अमानत हुसैन को थाने बुलाया गया. पूछताछ के बाद पीड़ित की इतनी पिटाई की गई की उसकी पैर के अंगूठे का नाखून उखड़ गया जिससे वो लगातार दर्द से लहराता रहा. इस दौरान उसकी पत्नी के साथ भी मारपीट गई की गई और उसके जेवरात को भी पुलिस ने छीन लिया.
पड़ोसी के घर हुई चोरी
पीड़ित अमानत हुसैन मखदुमपुर निवासी है और वह एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाता है. उनके घर के सामने उनका एक रिश्तेदार किसी निजी काम से बाहर गए हुए थे और अमानत हुसैन को घर की जिम्मेदारी सौंप गए थे. जहां वह रात में जाकर सोने के लिए कहा था. वहीं एक दिन तबीयत खराब हो गई जिसके कारण वहां सोने नहीं गया और उसी रात घर में चोरी हो गई. जिसकी शिकायत उक्त घर वालों ने बालीडीह पुलिस थाने में दी. जहां पूछताछ के लिए बालीडीह थाना प्रभारी नूतन मोदी के द्वारा फोन कर पीड़ित को थाने बुलाई और थाने में ही पूछताछ के दौरान अमानत हुसैन की अमानवीय तरीके से पिटाई की गई और उसके पैर के अंगूठे का नाखून उखाड़ दिया गया.
सरकार से इंसाफ की गुहार
इस अमानवीय घटना की शिकायत झारखंड के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री के ट्विटर अकाउंट में भी की है और इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं. इस मामले को लेकर धनबाद के सांसद ने बोकारो के डीआईजी को पत्र लिखकर जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. मुख्यालय डीएसपी मुकेश कुमार ने कहा की मामले कि जांच की जा रही है जो भी अधिकारी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
पुलिस कर रही मामले की जांच
जानकारी के मुताबिक पीड़ित को स्थानीय दो मुखिया के द्वारा पीआर बांड से छुड़ाकर घर लाया गया था. पुलिस अधिकारियों की माने तो चोरी की दिन पीड़ित और उसकी पत्नी घर में रहने के बावजूद फोन से एक दूसरे के संपर्क में थे. पुलिस इसी शक के आधार पर पीड़ित से पूछताछ करने की बात कह रही है. हालांकि मामला जो भी हो अब यह देखना है कि जांच रिपोर्ट में क्या तथ्य सामने आते हैं और दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाती है.