टाटा ने एयर इंडिया की बोली जीत ली है, टाटा संस ने एयर इंडिया की बोली जीती है, एयर इंडिया की बोली के लिए 15, 000 करोड़ लेकर 20,000 करोड़ तक रखा गया था. एयर इंडिया बरसों से घाटे में चल रही थी इस वजह से सरकार इसे बेचना चाहती थी.
टाटा संस ने एयर इंडिया की बोली जीती है.1932 में हुई थी एयरलाइन की शुरुआत हुई थी. आपको बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी. 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई. अब एक बार फिर टाटा ग्रुप की टाटा संस ने इस एयरलाइन में दिलचस्पी दिखाई है.
कहने का मतलब ये है कि करीब 70 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया के टाटा ग्रुप के पास आ गई है. टाटा संस की ग्रुप में 66 फीसदी हिस्सेदारी है, और ये टाटा समूह की प्रमुख स्टेकहोल्डर है. केंद्र सरकार सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती थी.जिसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल हैं. विमानन कंपनी साल 2007 में घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में है. साल 2017 से ही सरकार एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही है. तब से कई मौके पर प्रयास सफल नहीं हो पाए.
सरकार ने बाद में नियमों में कुछ बदलाव किए और खरीदारों के लिए नया विकल्प दिया. इसके बाद कोरोना आ गया और इस वजह से विनिवेश की प्रक्रिया में देरी हो गई. सरकार ने अप्रैल, 2021 में संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था. इसकी अवधि 15 सितंबर तक की थी. बहरहाल, सफल बोली लगाने वाली कंपनी को एयर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा.