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रांचीः 10 लाख के इनामी नक्सली महाराजा प्रमाणिक झारखंड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. महाराज प्रमाणिक के आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस ने एके-47 सहित सैकड़ों गोलियां भी बरामद की थी. प्रमाणिक ने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण के दौरान झारखंड पुलिस के आईजी ऑपरेशन एवी होमकर के समक्ष नक्सली ने सरेंडर किया.
बता दें कि महाराज प्रमाणिक दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी का कमांडर रह चुका है. नक्सली कमांडर सरायकेला के कुकुरूहाट, लांजी समेत कई वारदातों में वांक्षित था. नक्सलियों ने महाराज को भगोड़ा घोषित किया था.
भाकपा माओवादी संगठन के इनामी नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक, उप्फ बबलू उर्फ अशोक ने झारखंड पुलिस के समक्ष शुक्रवाल को आत्मसमर्पण कर दिया है. आज डीआइजी रांची प्रक्षेत्र के कार्यालय परिसर में महाराज ने आत्मसमर्पण किया. महाराज प्रमाणिक पर झारखंड सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. इस नक्सली ने पुलिस के समक्ष एक एके-47 राइफल, दो मैगजीन, 150 चक्र गोली और दो वायरलेस सेट के साथ समर्पण किया है. यह भाकपा माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य अनल उप्ऱ् रमेश दा उर्फ पतिराम मांझी की टीम का मारक दस्ता और रीढ़ था. इसे पार्टी प्रवक्ता चांडिल, मुंडू जोन का जोनल कमांडर बनाया गया था. झारखंड पुलेस के लगातार अभियान, बढ़ती दबिश और संगठन के आंतरिक शोषण से प्रताड़ित होकर महाराज प्रमाणिक ने आत्मसमर्पण किया है. यह ईचागढ़ थाना का रहनेवाला है. इसके खिलाफ विभिन्न थानों में 118 कांड दर्ज हैं, जिसमें हत्या, लूट, लेवी वसूलने और अन्य का मामला है. महाराज के खिलाफ गम्हरिया, चांडिल. चौका, खरसांवा, कुचाई, अड़की, तमाड़, टेबो, करायकेला, सोनुवा, बुंडू, गोईलकेरा, टोंटो, टोकलो, में मामले दर्ज हैं.
कई घटनाओं को दिया था अंजाम, 2008-09 में बना था नक्सली
पुलिस के अनुसार जोनल कमांडर महाराज 2008-09 में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. 2010 में भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य रमेश मांझी के द्वारा खूंटी के चौका थाना स्थित नरसिंह इस्पात कंपनी में हमला करने, मजदूरों से मारपीट करने और कंप्यूटर, गाड़ियों को आग के हवाले करने में इसका नाम 22 मार्च 2010 को आया था. जून 2018 में कुचाई थाना में हुई मुठभेड़ में कोबरा जवान और एक पुलिस कर्मी को मारने, 19 मई 2019 को खरसांवा थाना के सुरू डाम की सुरक्षा में जा रही टीम पर आइइडी ब्लास्ट करने में भी महाराज प्रमाणिक का हाथ था. इसमें दो जवान घायल हुए थे और एक नक्सली मारा गया था. 28 मई 2019 को आइइडी ब्लास्ट कर कोबरा बटालियन और झारखंड जगुआर के 15 पदाधिकारियों को घायल भी किया गया था. चार मार्च 2021 को टोकलो थाना चाईबासा में घात लगा कर बम ब्लास्ट कर हमला कर जगुआर के तीन जवानों को शहीद करने में प्रमाणिक का हाथ था. 2013 में कुंदन पाहन के संगठन छोड़ कर भागने के बाद से प्रमाणिक को बुंडू, चांडिल का सब जोनल कमांडर बनाया गया था. तब से महाराज प्रमाणिक ने बंगाल, उत्तरी झारखंड गिरिडीह, बोकारो संताल परगना से भाकपा माओवादी संगठन के शीर्ष नेताओं किशन दा, विवेक दा, मिसिर बेसरा, कंचन दा को सुरक्षित रूप से सारंडा तक लाने और ले जाने में मुख्य भूमिका निभा रहा था.
2010 में जोनल कमांडर कुंदन पाहन से हुई थी मुलाकात
महाराज प्रमाणिक की मुलाकात 2010 में तत्कालीन जोनल कमांडर कुंदन पाहन से हेस्साकोचा में हुई थी. उस समय इसकी कार्यकुशलता को देखते हुए पार्टी द्वारा चांडिल क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया गया था. 2011 में जब केंद्रीय कमेटी के सदस्य कोटेश्वर राव सारंडा से बंगाल लौट रहा था, उनको पार कराने के लिए अनल, अतुल और अमित भी साथ में था. उस समय महाराज की मुलाकात कोटेश्वर राव से हुई. किशन दा को इसने सफलतापूर्वक बंगाल पार कराया था.