रांची: चैता बेदिया की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के न्यायिक दंडाधिकारी को सीडब्ल्यूसी जाकर पीड़ित बच्ची बयान लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने दोनों की बातचीत की वीडियोग्राफी भी कराने का निर्देश दिया है. इसके बाद न्यायिक दंडाधिकारी सीडब्ल्यूसी को रिपोर्ट सौंपेंगे. सीडब्ल्यूसी यह रिपोर्ट नौ सितंबर को हाईकोर्ट में पेश करेगी. चैता बेदिया की और दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने यह निर्देश दिया. प्रार्थी चैता बेदिया की ओर से कहा गया कि उन्हें अपनी बेटी से मिलने नहीं दिया जा रहा है.
बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस उनके घर पहुंची और उनके पत्नी सुपोती देवी, पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, और दो बच्चों को उठाकर अपने साथ ले गई. जिस समय पुलिस उनके घर पहुंची उस समय चैता बेदिया घर में नहीं थे. चैता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने परिजनों को उठाने का कोई कारण नहीं बताया है. उसका परिवार कहां है उसे इसकी जानकारी तक नहीं है. दायर याचिका में चैता बेदिया ने बताया कि पता चला है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ गलत मामला दर्ज करने के लिए परिजनों को उठाया गया है. चैता कहना है कि सुनील तिवारी के घर पर रह कर उसके भाई ने पढ़ाई की है. अभी चेन्नई में जॉब कर रहा है.
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