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रांचीः बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के पहले स्पीकर विजय सिन्हा ने आज अपने पद से इस्तीफा दिया. विधानसभा में उन्होंने कहा कि वे पहले ही सरकार गठन के बाद इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन उन पर विधायकों ने अनर्गल आरोप लगाए. ऐसे में उन्हें इन आरोपों पर जवाब देना था, इसलिए उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया था.
नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद इस्तीफा दे देता- सिन्हा
स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा, कि सरकार ने 9 अगस्त को इस्तीफा दिया. और 10 अगस्त को नई सरकार के गठन का न्योता दिया गया. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद स्पीकर पद का त्याग कर देता. लेकिन 9 अगस्त को मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा गया है. इस अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन गई. आप सभी लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर के पुजारी हैं. आप जो अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, यह अस्पष्ट है. 9 लोगों का पत्र मिला, इनमें से 8 का पत्र नियमानुसार नहीं नजर आता. लेकिन मुझपर जो आरोप लगाए गए. मनमानी के, कार्यशैली को लेकर, तानाशाही करने का. ऐसे में मेरा जवाब देना जरूरी है.
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आसानी से बहुमत हासिल कर सकती हैं नीतीश सरकार
आपको बता दें, बिहार विधानसभा में आज एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया है. जिसमें बिहार की नई महागठबंधन सरकार की फ्लोर टेस्ट होनी है. इसमें नीतीश सरकार को अपने सरकार को बहुमत साबित करना होगा. हालांकि फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार आसानी से बहुमत हासिल कर सकते हैं क्योंकि उनके पक्ष में 164 विधायकों का समर्थन है. बता दें, बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट है, वहीं राज्य में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है. ऐसे में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन के पास वर्तमान में कुल 164 विधायक (MLA) हैं. जो आसानी से फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित कर सकते हैं. वहीं BJP के पास सिर्फ 77 विधायक (MLA) हैं.