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रांचीः कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने के बाद जयवीर शेरगिल ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया. उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक त्यागपत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यह कहते हुए मुझे दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में निजी हितों को प्राथमिकता मिल रही है, जबकि सार्वजनिक और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की जा रही है. अपने पत्र में शेरगिल ने कहा कि प्राथमिक कारण यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्तमान निर्णय निर्माताओं की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है.
आपको बता दें, पंजाब के रहने वाले जयवीर शेरगिल पेशे से वकील हैं और कांग्रेस के युवा नेताओं में प्रमुखों में से एक थे. वहीं, शेरगिल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब एक के बाद एक कई युवा कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. बता दें, पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख कांग्रेस नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भी शामिल हैं, जो बीजेपी सरकार में अब अहम पदों पर हैं
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कांग्रेस पार्टी को एक के बाद एक लगातार बड़े झटके मिल रहे है. कांग्रेस में एक ओर जहां नए अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव की तैयारी चल रही है. वहीं, दूसरी ओर पार्टी नेताओं के इस्तीफे का दौर भी लगातार जारी है. पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. शर्मा से पहले जी23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं.