इंजीनियरिंग विभागों में मचा हड़कंप, जल संसाधान और पीएचईडी के भी कई इंजीनियर रडार पर
न्यूज 11 भारत
रांची: प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की जांच का दायरा झारखंड में बढ़ता जा रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद इंजीनियरिंग विभागों में हड़कंप मचा हुआ है. इधर ईडी वीरेंद्र राम से लगातार पूछताछ कर रही है और इस आधार पर कई लोगों के चेहरों से नकाब उतर रहा है.
अबतक की पूछताछ में ईडी को कई ऐसी जानकारियां मिली है, जो चौकाने वाली हैं. झारखंड में टेंडर कमीशन के खेल का धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है. ईडी ने वीरेंद्र राम के घर से डिजिटल डिवाइस जब्त किया था. जिससे पता चला है कि टेंडर कमीशन का खेल लंबे समय से चल रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग सहित जल संसाधन विभाग के स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट में बिना कमीशन दिए टेंडर से संबंधित वर्क ऑडर जारी ही नहीं होता था.
टेंडर कमिशन के इस खेल में अबतक 20 से अधिक नेता और विधायक के नामों का पता चला है, जो कमिशन के खेल में शामिल है. यह खेल झारखंड के जल संसाधन विभाग और पेयजल विभाग में भी खुलेआम चल रहा है. ईडी को जांच में आगे पता चला है कि टेंडर कमिशन का खेल ग्रामीण कार्य विभाग सहित सरकार से तकरीबन सभी इंजीनियरिंग विंग में लंबे समय से चल रहा है.
ग्रामीण कार्य विभाग में बिना पांच प्रतिशित का कमिशन दिए वर्क ऑडर नहीं दिया जाता था. टेंडर मैनेज का भी खेल लंबे समय से चल रहा है. इधर ईडी के सक्रिय होने के बाद इंजीनियरों और अफसरों के भ्रष्टाचार, अवैध संपत्ति बनाने वाले लोगों से संबंधित शिकायत लगातार मिल रही है. ईडी वर्तमान में जल संसाधन विभाग और पेयजल विभाग से संबंधित कई शिकायतों के सत्यापन में जुटी हुई है.
जिसके बाद से दोनों विभाग के भ्रष्ट इंजीनियरों और ठेकेदारों के बीच हडकंप मचा हुआ है. होली के महौल में भी कई इंजीनियर ठेकेदारों से नहीं मिल रहे है. फोन पर भी बात करने से परहेज करने लगे है. वहीं ईडी ने निलंबित वीरेंद्र राम से पूछताछ जारी रखी है. अबतक की पूछताछ में कई अहम जानकारियां ईडी को मिली है. ईडी को पता चला है कि झारखंड के सुवर्णरेखा प्राजेक्ट में भी बड़े पैमाने पर टेंडर मैनेज का खेल हुआ है.
ईडी ने जल संधान विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना में बतौर चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के कार्यकाल में चांडिल कॉम्पलेक्स और गालूडीह कॉम्पलेक्स में हुए टेंडर की एक-एक फाइल की रिपोर्ट विहित प्रपत्र में देने का निदेर्श दिया है. ईडी के जांच दायरा बढता दिख रहा है.
ईडी जल ही सुवर्णरेखा प्रोजेक्ट में पदस्थापित रहे पूर्व के अफसरों को भी पूछताछ के लिए बुला सकता है. ईडी ने सुरर्णरेखा प्रोजेक्ट में 2009 से 2022 तक हुए टेंडर से संबंधित दस्तावेज मांगे है. जिससे बाद से प्रोजेक्ट में पदस्थापित कई पूर्व एमडी सहित कई अफसर जांच के दायरे में आ गए है.