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रांची: जमीन अधिग्रहण हुआ नहीं. सड़क का निर्माण करने के बाद 6 गांव के रैयत को ही गायब पथ निर्माण विभाग के अफसरों ने गायब कर दिया. दरअसल अफसरों की लापरवाही के कारण 6 गांव के करीब 1000 रैयतों का मुआवजा को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है. बताते चलें कि दलादली चौक-प्रेम नगर-ब्रांबे एवं बिजुलिया चौक तक बनने वाली सड़क के लिए पथ निर्माण ने 19 गांव की जमीन के अधिग्रहण के लिए अधियाचना जिला भू अर्जन कार्यालय को भेजा था. जिसके आधार पर भू अर्जन की कार्यवाही शुरू करते हुए जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन (धारा-11) का जारी किया गया था.
राशि नहीं देने पर योजना हुई लैप्स, बाद में 6 गांव के नाम हट गए
जिला भू अर्जन कार्यालय की ओर से जमीन अधिग्रहण के मुआवजा राशि के तहत
रैयतों को देने के लिए करीब 100 करोड़ रुपए मांगी गई थी. पथ निर्माण विभाग से राशि सही समय पर उपलब्ध नहीं कराई. जिसके कारण योजना लैप्स हो गई. दोबारा पथ निर्माण विभाग की ओर से अधियाचना भेजी गई तो 6 गांव के नाम ही इससे गायब कर दिए. जिला भू-अर्जन कार्यालय ने विभाग से त्रुटियों को सुधार करते हुए छूटे गांवों को शामिल कर अधियाचना मांगी. करीब एक साल पहले ही सुधार कर अधियाचना मांगी गई है. अबतक नहीं मिली. जबकि इस साल जनवरी माह में भी पथ निर्माण विभाग को जिला भू अर्जन कार्यालय की ओर से स्मार पत्र भेजी गई है.
बिना मुआवजा दिए ही 20 किलोमीटर सड़क बन गई
दलादली चौक-प्रेम नगर-ब्रांबे एवं बिजुलिया चौक तक 20 किमी सड़क बिना मुआवजा दिए ही बन गई. बताया जा रहा है कि रजत ने जब मुआवजे की मांग की तो उन्हें तसल्ली देकर चुप करा दिया गया. सड़क का निर्माण कार्य हो जाने के बावजूद अभी तक रयत को मुआवजा नहीं मिला. रैयत लगातार भू अर्जन कार्यालय से मौजा देने की गुहार लगा रहे हैं. दूसरी ओर भू अर्जन कार्यालय को पथ निर्माण विभाग राशि उपलब्ध नहीं करा रहा है जिसके कारण लगभग एक हजार रैयत का मुआवजा फिलहाल फस गया है.
इन गांव की जमीन का हुआ है अधिग्रहण
बिजुलिया,एडचोरो, लोदा, गड़री, डंडई, फुटकलटोल, हिसरी, सिमलिया, एक्कागुड़ी, दलादली, पतराचौली, तिगड़ा, मरियातु और चौली.
संशोधित अधियाचना में इन गांव के नाम हट गए
अगड़ू, बाजपूर, भौंडा, चितरकोटा, लद्दा, बरसा