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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने गुरुवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभाकक्ष में राज्य के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक सरयू राय की जीवनी पर आधारित पुस्तक 'द पीपुल्स लीडर' का विमोचन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय परिचय के मोहताज नही हैं. काफी समय से इनके साथ मुझे काम करने का मौका मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में सरयू राय के सुझावों और विचारों से मैं हमेशा प्रभावित हुआ हूं. मुझे लगता है कि मैं ही नहीं बल्कि बहुत सारे लोग इनके विचारों से प्रभावित होंगे. एक अच्छे लेखक व एक अच्छे राजनीतिज्ञ के रूप में लोगों के बीच इनकी चर्चा सदैव होती रहती है. सरयू राय के द्वारा लिखी गई कई पुस्तकें मैंने स्वयं पढ़ी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरयू राय ने हमेशा चुनौतियां स्वीकार की हैं. इन्होंने साहस और धैर्य का परिचय देते हुए सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना भी किया है. सरयू राय जैसे लोगों के चलते ही आज भी 'सत्यमेव जयते' जिंदा है.
सकारात्मक कार्यों और अच्छे सुझावों को सम्मान देना नैतिक कर्तव्य
विधान सभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि कृतज्ञ समाज का उत्तरदायित्व बनता है कि जो लोग अच्छे कार्य करते हैं उनके कार्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक सरयू राय ने हमेशा अच्छे कार्य किए हैं. उन्होंने एकला चलो के राह को अपनाते हुए अपनी नीति और सिद्धांत के साथ कभी समझौता नहीं किया है. सरयू राय ने कभी भी गलत लोगों का साथ नहीं दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि निश्चित रूप से राज्य हित एवं जनहित से संबंधित मामलों में सरयू राय द्वारा दिए गए सुझावों का राज्य सरकार स्वागत करती है. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान सकारात्मक कार्यों और अच्छे सुझावों को सम्मान देना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है.
'द पीपुल्स लीडर' पुस्तक में हैं कई अनछुए पहलुओं की जानकारी
इस अवसर पर 'द पीपुल्स लीडर' पुस्तक के लेखक विवेकानंद झा ने पुस्तक के विषय-वस्तु की विस्तृत जानकारी अपने संबोधन में रखीं. सरयू राय से संबंधित व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक जीवन के कई अनछुए पहलुओं को इस पुस्तक में दर्शाया गया है. वर्ष 1974 छात्र आंदोलन, आपातकाल में भूमिका, राजनीति में पदार्पण, विभिन्न मुद्दों पर मतभेद, घोटालों को उजागर करने में भूमिका से लेकर कई अन्य घटनाओं का जिक्र इस पुस्तक में किया गया है.
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, प्रभात प्रकाशन के निदेशक पीयूष कुमार सहित अन्य लेखक, साहित्यकार एवं शिक्षाविद शामिल थे.