NEWS11 स्पेशलPosted at: जून 27, 2022 नागरिक अधिकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ राजभवन के समक्ष विरोध प्रदर्शन संपन्न
झारखंड के विभिन्न जिलों में भी विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए
न्यूज11 भारत
रांची: भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि ज़किया जाफ़री के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फ़ैसला आने के अगले ही दिन सामाजिक कार्यकर्त्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ़्तारी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सांप्रदायिकता विरोधी अभियानों में अपनी सक्रियता और 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ने के लिए तीस्ता सीतलवाड़ की पहचान और प्रतिष्ठा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है. उनकी गिरफ़्तारी ऐसे मुद्दों पर सक्रिय व्यक्तियों और संगठनों के लिए एक चेतावनी की तरह है. हम नागरिक समाज और वामदलों की ओर से इस गिरफ़्तारी की निंदा करतें है. वे आज राजभवन में नागरिक अधिकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ राजभवन में विरोध सभा का आयोजन किया गया. विरोध सभा को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा की यह आश्चर्यजनक है कि सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले में यह कहे जाने के तुरंत बाद कि इस मामले में प्रक्रिया का दुरुपयोग हुआ है और ‘इसमें लिप्त सभी लोगों को कठघरे में खड़ा करने तथा क़ानून के अनुसार उन पर कार्रवाई करने की ज़रूरत है’, गुजरात की डिटेक्शन ऑफ़ क्राइम ब्रांच सक्रिय हो गई.
उस फ़ैसले में से लंबे उद्धरण देते हुए तीस्ता सीतलवाड़ और आर बी श्रीकुमार के खिलाफ़ नौ पेज की एफआईआर अविलंब दर्ज की गई और मुंबई जाकर अहमदाबाद एटीएस ने तीस्ता को पूछताछ के लिए गिरफ़्तार भी कर लिया. ऐसी आशंका होती है कि सारी चीज़ें एक पूर्वलिखित पटकथा के अनुसार अंजाम दी जा रही हैं. सभा को एसयुसीआइ के मिंटू पासवान, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि हम इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सांप्रदायिकता-विरोधी सामाजिक कार्यकर्त्ताओं का मनोबल तोड़ने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले ऐसे हथकंडों के खिलाफ़ अपना विरोध दर्ज करता है और ज़किया जाफ़री के मामले में उनका सहयोग करने वाले समाजकर्मियों की अविलंब रिहाई की मांग करता है.