इफ्तार पार्टी में जाने वाले मुख्यमंत्री क्या जाने शिवभक्त होना क्या होता हैः दुबे
न्यूज11 भारत
रांचीः देवनगरी देवघर में इस बार बड़े ही धूमधाम से शिव बारात निकाली जाएगी. इसे लेकर तैयारियां जोरों पर है. हालांकि, जिला के अनुमंडल इलाके में एसडीओ के आदेश के बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है जिसका शहर के कई संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है. एसडीओ के इस फैसले का गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी विरोध किया है. उन्होंने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर प्रशासन शिव बारात को लेकर मनमानी करेगा तो आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
जानें, सांसद निशिकांत दुबे ने क्या कहा
अनुमंडल इलाके में निषेधाज्ञा लागू होने के बाद शिव रात्रि महोत्सव समिति का बयान सामने आया है जिसमें समिति ने कहा है कि निषेधाज्ञा लागू करने से पहले प्रशासन को इस विषय पर चर्चा कर लेनी चाहिए थी. लेकिन प्रशासन ने बिना चर्चा किए इसपर अपना फैसला ले लिया है. इधर मामले में ट्वीट करते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने लिखा है कि 'झारखंड सरकार देवघर डीसी के माध्यम से हज़ारों साल से आ रही देवघर शिव बारात को रोकना चाह रही है. आस्था के लिए हम माननीय न्यायालय के शरण में जाएंगे. उन्होंने लिखा है कि 'धारा 144 लगाना तथा बिना शिव रात्रि महोत्सव समिति के सहमति के ज़िला प्रशासन ने रुट कैसे तय किया? यह तानाशाही है,यदि प्रशासन नहीं संभला तो मैं भगवान शिव के लिए आमरण अनशन भी कर सकता हूं.
सांसद निशिकांत दुबे ने सीएम हेमंत पर तंज कसते हुए कहा है कि इफ्तार पार्टी में जाने वाले मुख्यमंत्री क्या जाने शिवभक्त होना क्या होता है ? शिव शंकर कण - कण में हैं उनसे जुड़ी हर एक चीज को आज तक कौन रोक सका है? राज्य करे राजनीति और हम करेंगे शिव रात्रि की तैयारी. आगे ट्वीट करते हुए दुबे ने लिखा 'आज झारखंड हाईकोर्ट पहुंचा. शिव बारात देवघर.'
बाधा खड़ा करने से बाज आईये मुख्यमंत्री जी- मरांडी
इस मामले पर बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट करते हुए जिला प्रशासन और हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम को नसीहत देते हुए ट्वीट पर लिखा है कि 'मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कोरोना की वजह से दो सालों बाद बैद्यनाथ धाम में होने वाले शिवरात्रि उत्सव एवं शिव बारात में बाधा खड़ा करने से बाज आईये. आपका यह दुष्टतापूर्ण कदम न सिर्फ़ करोड़ों लोगों की आस्था से खिलवाड़ है बल्कि देवघर के लाखों लोगों के रोज़ी-रोटी से भी जुड़ा है.'
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
देवघर में शिव बारात को लेकर अनुमंडल क्षेत्र में 144 लागू होने का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है यानी अब इस मुद्दे का फैसला हाईकोर्ट में होगा. शिवरात्रि महोत्सव समिति की ओर से कहा गया है कि यह प्रशासन का तुगलकी फरमान है. यहां शिव बरात देखने के लिए लाखों भक्त पहुंचते हैं. ऐसी परिस्थिति में प्रशासन की ओर से मनमाने तरीके से 144 लागू करना अनुचित है. उन्होने कहा कि शहर में अगर धारा 144 लागू होगी तो शिव बारात देखने भक्त कैसे पहुंच पायेंगे. समिति ने कहा है कि जिला प्रशासन राज्य सरकार के इशारे पर हिंदुत्व पर प्रहार कर रही है साथ ही लोगों की धार्मिक भावना और उनकी आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश
परंपरागत शिवबारात पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नही- डीसी
इधर, इस मामले में देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने जवाब देते हुए कहा है कि 'जिला प्रशासन द्वारा परंपरागत शिवबारात पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नही लगाया गया है. साथ ही शिव बारात महोत्सव समिति जिला प्रशासन से विमर्शों उपरांत पहले से चली आ रही शिवबारात की रुटलाइन पर शिवबारात निकाल रही है. आपको बता दें, देवघर डीसी ने महाशिवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा को लेकर रुटलाइन, बाबा मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण कर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. इस बीच वे विशेष सफाई, विद्युत, पेयजल विधि-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया.