अमित दत्ता/न्यूज11 भारत
बुंडू/डेस्कः खूंटी लोकसभा सीट को लेकर चुनाव के बिगुल बजने के पूर्व भारतीय जनता पार्टी के खूंटी उम्मीदवार के रूप में अर्जुन मुंडा को प्रोजेक्ट किया गया है. अर्जुन मुंडा को पार्टी ने दूसरी बार खूंटी लोकसभा में विश्वास जताया है. हालांकि, इस बाबत राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. खूंटी लोकसभा क्षेत्र में तमाड़ विधानसभा का खास भूमिका होती है पिछले 2019 की चुनाव में तमाड़ बुंडू से उन्हें बढ़त हासिल हुई थी.
दरसल बीते तीन दशक से यह सीट भाजपा के झोले में रही है. लेकिन बोते 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अर्जुन मुंडा को कड़ी टक्कर कांग्रेस झामुमो महागठबंधन के उम्मीदवार कालीचरण मुंडा के द्वारा दी गयी थी. जिसमें अर्जुन मुंडा ने काली चरण मुंडा को हरा दिया था. अर्जुन मुंडा को 382638 वोट मिले, जबकि काली चरण मुंडा को 381193 वोट हासिल हुए थे.
महज 1445 वोटों के अन्तराल में अर्जुन मुंडा ने जीत हासिल की थी. लेकिन 2024 के चुनाव में भी यह एक बड़ा उलटफेर होने की संभावना जतायी जा रही है जहां एक तरफ भाजपा दो खेमों में बांटी हुई है वहीँ आदिवासी समुदाय के एक खेमा अपने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजे जाने के विरोध भी दर्ज कर रहे हैं. वहीँ, तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांवों की बात करें तो उन्होंने 2019 के बाद आज तक खूंटी संसद को अपने गाँवों में नहीं देखे हैं. खूंटी संसद के द्वारा सलगाडीह जोजोहातु सड़क निर्माण को लेकर अपनी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
सूत्रों की माने तो भारतीय जनता पार्टी के कई नेता भी अब झामुमो विधायक विकास कुमार मुंडा के साथ हो चुके हैं वह अपने गुप्त प्रयास से झामुमो गठबंधन के बनाए जाने वाले उम्मीदवार को वोट देने के लिए अपने लोगों को प्ररित कर रहे हैं. इसका कारण यह भी है कि ऐसे बीजेपी नेताओं की आजतक पूछ नहीं ली गई ना दुख में और ना सुख में उनका हाल चाल लिया गया लेकिन तमाड़ विधायक उनलोगों का ना सिर्फ उनका सम्मान किया बल्कि उनकी हर संभव मदद करने की कोशिश की.
खूंटी लोकसभा चुनाव को लेकर झामुमो विधायक विकास कुमार मुंडा से जब पूछा गया कि इस बार की चुनाव में क्या कुछ उनकी ओर से की जाएगी तो उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के द्वारा दिये गये प्रत्याशी को लेकर वह रूट लेबल पर तैयारी कर उम्मीदवार को जीत दर्ज करवाएंगे. उन्होंने आश्वस्त किया कि 2024 की लोकसभा चुनाव में खूंटी सीट भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि काँग्रेस के उम्मीदवार कालीचरण मुंडा होंगे या प्रदीप बलमुचू दोनों ही तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में अपनी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. वहीँ उनके लिए भी यह साबित करना अहम होगा कि उनके कार्यकर्ताओं को एक मंच पर एकत्रित कर खूँटी सीट निकाल सके.
बहरहाल जो भी हो लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता को अपने अपने नेता को सपोर्ट कर वोट करना है. अब कुछ लोग वोट देने से पहले खड़े उम्मीदवार को क्या रैंकिंग देंगे यह उनका कार्यकाल तथा बीते समय पर जनता के मुद्दों पर किए गए कार्य के आलोक में निर्भर करेगा. जैसे जैसे चुनाव की बिगुल बजने की समय आ रही है जनता के बीच नेताओं की चर्चा चौक चौराहा पर सुनने को मिल रही है.