Saturday, Apr 27 2024 | Time 00:29 Hrs(IST)
 logo img
NEWS11 स्पेशल


पूजा सिंघल ने केंद्र को दिए गए ब्योरे में छिपाई पल्स हॉस्पिटल की जमीन की जानकारी

ईडी को अंदेशा: पल्स अस्पताल ही पूजा सिंघल के अवैध करोबार को रहा मुख्य ठिकाना
पूजा सिंघल ने केंद्र को दिए गए ब्योरे में छिपाई पल्स हॉस्पिटल की जमीन की जानकारी
न्यूज11 भारत 




रांची: अचानक केंद्र सरकार आईएएस पूजा सिंहल पर इतनी कड़ी नजर क्यों बढ़ा ही है. इसको लेकर कई सवाल राजनीतिक और अफरशाही गलियारे में उठने लगी है. जानकारी के अनुसार 2022 में पूजा सिंहल ने संपत्ति का विवरण जो केंद्र सरकार को भेजी थी, उसमें पल्स अस्तपाल की जमीन का जिक्र को छुपा ली थी. अचल संपत्ति की जानकारी तो दी मगर उन्होंने अपने पति के नाम मालिकाना हक वाली पल्स अस्पताल की जमीन खरीदी और इस खरीद का ब्योरा नहीं दिया. 

 


 

ईडी की तेढ़ी नजर पल्स हॉस्पिटल पर, निर्माण में खर्च 110 करोड़, जबकि लोन केवल 23 करोड़ दिखाया गया है

 

जब राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनी तो पल्स हॉस्पिटल को नोटिस जारी हुआ था. इसके निर्माण में भारी अनियमितता की बातें सामने आयी थी. ईडी के अधिकारियों की मानें तो इसके निर्माण और पूरे हॉस्पिटल सेट-अप में 110 करोड़ रूपए खर्च आए हैं. जबकि लोन के रूप में केवल 23 करोड़ रूपए की बातें सामने आ रही हैं. अब ईडी इस बात को जांच कर रही है कि बाकी रकम कहां से आयी. ईडी को इस बात का भी अंदेशा है कि यही अस्तपाल पूजा सिंघल के अवैध करोबार का बड़ा ठिकाना रहा है, जिसके जरिए पैसे के लेन-देना और उसे बाहर या दूसरे प्रोजेक्ट में इंवेस्ट किया जाता रहा है. 

 

इमूवेवल प्रोपर्टी रिर्टन में केवल इन बातो का किया जिक्र

 

सिंघल ने इमूवेवल प्रोपर्टी रिर्टन में बताया कि कोलकाता के राजारहाट में 2008-09 में 30 लाख के घर से हर वर्ष पूर्व पति राहुल पुरवार के साथ संयुक्त रूप से छह लाख रूपए किराए के तौर पर कमाती थी. इसके अतिरिक्त सुकरहुटू में सिविल सर्विस ऑफिसर्स को-ऑपरेटिव सोसायटी में वर्ष 2008-2009 में 78 वर्ग फीट भूखंड स्वंय के नाम से खरीदी, जिसकी कीमत उस समय के अनुसार 88 हजार रूपए थी. लेकिन अब तक जमीन का पॉजिशन नहीं मिला है.
अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.