शाहनवाज अख्तर, न्यूज 11 भारत
जमशेदपुर का एक अनाथ बच्चा पढ़ना चाहता है. जिंदगी में कुछ करना चाहता है, लेकिन 2 साल से उसकी स्कूल की फीस जमा नहीं हुई है. लिहाजा यह जानते हुए भी कि आयुष अनाथ है जमशेदपुर के प्रतिष्ठित स्कूल ने उसे स्कूल से निकालने की धमकी दे दी है. आकाश ने प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की है. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि स्कूल से उसका नाम नहीं कटेगा
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प्रोजेक्ट भवन में अपनी कोई न कोई फरियाद लेकर राज्य भर से लोग आते ही रहते हैं, मगर जमशेदपुर के आयुष की कहानी बेहद दर्दनाक है. आकाश जब अपनी मां के पेट में सिर्फ 2 महीने क था तो, पिता एक एक्सीडेंट में गुजर गए. मां टाटा स्टील कर्मी कंचन सिन्हा के यहां झाड़ू पोछा का काम करती थी. कंचन सिन्हा उस वक्त टाटा स्टील में नौकरी करते थे लिहाजा उन्होंने आज उसका एडमिशन कदमा स्थित केरला, पब्लिक स्कूल में करवा दिया, तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आयुष की साल भर की फीस भरी. आयुष जब 7 क्लास में थे तो 1 दिन मां भी गुजर गई.
कंचन सिन्हा रिटायर
कंचन सिन्हा रिटायर हो गए अब पेंशन से गुजारा कर रहे हैं, इसलिए अनाथ आयुष अब एक और अपने ही जैसे एक अनाथ युवक आकाश के साथ उसकी झोपड़ी में रहता है, इसी वर्ष आयुष ने 78% नंबरों के साथ मैट्रिक पास किया है, 12वीं में एडमिशन लेने गया तो स्कूल वालों ने 2 साल की बकाया फीस की मांग कर डाली, नहीं देने पर नाम काटने की धमकी दी, आयुष आगे कॉमर्स पढ़ना चाहता है. जीवन में कुछ करना चाहता है.
अपनी अभिभावक कंचन सिन्हा के साथ आयुष ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि आयुष का नाम स्कूल से नहीं काटने दिया जाएगा, अगर आप आयुष से सहानुभूति रखते हैं और उसकी मदद करना चाहते हैं तो इस नंबर 6205 049 331 पर आयुष से संपर्क कर सकते हैं.