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रांची: हाईकोर्ट ने ढेंगा गोलीकांड मामले में दर्ज बड़कागांव थाना कांड संख्या 214/16 की सीआईडी जांच का आदेश दिया है. जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत में हजारीबाग के ढेंगा गोलीकांड मामले की मंगलवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता मंटू सोनी द्वारा दायर रिट याचिका संख्या 127/21 में सरकार के हलफनामा के साथ पुलिस केस संख्या 167/15 के अलावे मंटू सोनी द्वारा किए गए काउंटर केस बड़कागांव थाना कांड संख्या 214/16 का भी सीआईडी से जांच कराने का आदेश सरकार को दिया.
सरकार ने पूर्व में बड़कागांव आंदोलन से जुड़े सिर्फ पुलिस केसों का सीआईडी से जांच कराने का आदेश जारी किया था. अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने सरकार के हलफनामा का विरोध करते हुए कोर्ट से आग्रह किया कि सिर्फ पुलिस केस का सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश जारी किया है. मामले में ढेंगा गोलीकांड के पीड़ितों की तरफ से किए गए काउंटर केस को तत्कालीन पुलिस अधिकारी एसडीपीओ अनिल सिंह ने अभियुक्तों को बचाते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एकतरफा जांच रिपोर्ट बनाकर केस बंद कर दिया था . उसके जांच के बिना पीड़ितों को न्याय नही मिल पाएगा और दोषियों पर कार्रवाई नही हो सकेगी.
अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता को सुनने के बाद कोर्ट ने सिर्फ याचिकाकर्ता मंटू सोनी के द्वारा किए काउंटर केस बड़कागांव थाना कांड संख्या 214/16 को सीआईडी से जांच कराने का आदेश जारी किया. इससे पहले सरकार ने बड़कागांव आंदोलन से जुड़े आठ केस की जांच करने का आदेश जारी कर दिया था. 14 अगस्त 2015 को बड़कागांव के ढेंगा में किसान अधिकार महारैली के दौरान पुलिस-पब्लिक झड़प में 6 लोग पुलिस गोली से घायल हुए थे.
पुलिस ने अपने तरफ से किए बड़कागांव थाना कांड 167/15 में सभी गोली से घायल लोगों को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था. पुलिस ने घायल लोगों का केस,केस डायरी और चार्जशीट में कहीं जिक्र तक नही किया और न ही घायलों का बयान लिया था. इसी के खिलाफ मंटू सोनी ने कोर्ट परिवादवाद दायर कर बड़कागांव थाना में काउंटर केस संख्या 214/16 दायर किया था. जिसे बड़कागांव एसडीपीओ अनिल सिंह ने तथ्यों की जांच-परख किए बिना अभियुक्तों को बचाने के लिए एकतरफा जांच रिपोर्ट बनाकर केस बंद करने का अनुसंशा की थी.