न्यूज़11 भारत,
अब फिर से होम लोन, कार लोन जैसे अन्य प्रकार के लोन के कर्ज की EMI का बोझ बढ़ने जा रहा है. RBI ने अपनी मौद्रिक पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लिया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में तीन दिन तक चली MPC की मीटिंग के नतीजे आज (07 दिसंबर) सुबह सामने आए हैं. RBI गवर्नर ने कहा है कि महंगाई के दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया हैं. इस फैसले के अनुसार रेपो रेट में 0.35 फीसदी की वृद्धि की जा रही है. रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि अगले चार महीनों में महंगाई दर चार फीसदी से ऊपर बने रहने की संभावना है.
RBI का रेपो रेट बढ़ कर 6.25 फीसदी हो गई
इस फैसले के आने से होम, ऑटो, सहित सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. इससे पहले RBI ने मई, जून, अगस्त और सितंबर यानी चार बार में रेपो रेट में कुल-मिलाकर 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और आज इस फैसले से लगातार पांचवीं बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में वृद्धि दर्ज की हैं. इसके बाद से RBI का रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है. कोरोना महामारी के दौरान RBI ने मार्च, 2020 में रेपो रेट को घटा दिया था. लेकिन दिनों दिन बढ़ रही महंगाई को देखते हुए RBI ने 4 मई, 2022 को करीब दो साल बाद 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
इस फैसले के लिए 6 में से 4 ने दी है मंजूरी
एमपीसी की बैठक में शामिल 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में अपना वोट किया था. उनका मानना था कि महंगाई को काबू में लाने के लिए ब्याज दरों को ऊपर रखना अति आवश्यक था. साथ ही साथ यह भी बताया कि भारत में खुदरा महंगाई अब भी 6 फीसदी के ऊपर बनी हुई है जोकि RBI की तय सीमा से कई ज्यादा हैं. RBI गवर्नर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% रह सकती है.
राहत की खबर
इसमें एक राहत की खबर यह हैं कि रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर भी पड़ेगा. बैंक आपके सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट बढ़ाने के अलावा RBI के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था. आपको बता दे की रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. रेपो रेट बढ़ने का सीधा मतलब है कि RBI से बैंकों को महंगा कर्ज मिलेगा. ऐसे में बैंक भी अपने ग्राहकों को महंगा लोन बांटेंगे.