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रांची/डेस्कः देश में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर पिछले काफी समय से बहस चल रही है. बता दें, इसे लेकर लॉ कमीशन ने इसी साल के जनवरी में राजनीतिक दलों से 6 सवालों के जवाब मांगे थे. वहीं 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की दिशा में अब केंद्र की मोदी सरकार आगे बढ़ती नजर आ रही है. सरकार ने देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन भी किया है. जिसके लिए आज सदस्यों को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. हालांकि कमिटी के सदस्य कौन-कौन होंगे इसे लेकर कुछ देर बाद ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.
केंद्र सरकार इसे देश में लागू कराना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ कई राजनीतिक दलें इसका विरोध कर रही हैं. वहीं मोदी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए दिख रही है. बता दें, एक देश एक चुनाव का यह मसला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है और इसी बीच अब तो केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन भी कर दिया है जो इसपर अपनी रिपोर्ट देगी. सरकार द्वारा बनाई गई कमिटी की अध्यक्षता देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे.
बात करें, बीते कुछ वर्षों की तो देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की वकालत पीएम मोदी करते आए है. बता दें, नवंबर-दिसंबर में इसी साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसके बाद अगले साल मई-जून महीने में लोकसभा चुनाव होंगे. बता दें केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच लोकसभा और राज्यसभा का विशेष सत्र भी बुलाया है जिसमें 5 बैठकें लगातार होंगी. इसमें कहा जा रहा है कि सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और महिला आरक्षण बिल भी पेश कर सकती है.
इस तरह की बातें फैलाना ठीक नहीं- शिवसेना नेता
इधर, 'वन नेशन, वन इलेक्शन' कमिटी के विषय में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव गुट के शिवसेना नेता अनिल देसाई ने कहा है कि 'मीडिया के जरिए मुझे जानकारी मिल रही है. इस तरह की बातें फैलाना सही नहीं है. आने वाले दिनों 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं ऐसे में सरकार को यह देखना चाहिए कि देश की जनता क्या चाहती हैं, उनके मत को भी ध्यान में रखना चाहिए.'