NEWS11 स्पेशलPosted at: अगस्त 30, 2021 अब ये MACHINE बताएगी कि कौन कर सकता है SUICIDE
बन गई डिप्रेशन नापने की मशीन, सुसाइड की संख्या में आएगी कमी
रांची: अब एक ऐसी मशीन बन गई है जो यह बता देगी कि कौन व्यक्ति सुसाइड कर सकता है. अमुक व्यक्ति का डिप्रेशन लेवल कितना है. रांची के सीआईपी और बीआईटी मेसरा के वैज्ञानिक पिछले 5 साल से इस प्रोडक्ट पर रिसर्च कर रहे थे. मशीन को भारत सरकार ने पेटेंट भी कर दिया है. केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान सीआईपी और बीआईटी मेसरा के वैज्ञानिकों ने 5 साल के रिसर्च के बाद एक ऐसा डिवाइस बनाने में कामयाबी हासिल की है जो इंसान की डिप्रेशन लेवल को नाप कर खतरे का संकेत दे सकता है. अब तक डिप्रेशन को नापने का कोई यंत्र मौजूद नहीं था. सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टर ही अनुभव के आधार पर इस बात का आकलन कर सकते थे. बीआईटी मेसरा की डॉ शालिनी महत्व और डॉक्टर संचिता पाल के साथ सीआईपी के डॉक्टर निशांत गोयल ने यह उपलब्धि हासिल की है.
डॉक्टर निशांत गोयल के मुताबिक इंसान के ब्रेन में 6 तरह के चेंबर होते हैं जिनमें मौजूद केमिकल के रिएक्शन और चेंज से मशीन के भाग लेती है कि मनुष्य के अंदर डिप्रेशन और टेंशन बढ़ रहा है. मशीन संकेत देता है और इंसान मेडिकल असिस्टेंट से डिप्रेशन का इलाज करवा कर स्वस्थ हो सकता है. केंद्र सरकार ने इस कमेंट को पेटेंट कर दिया है जिसका नाम हाइब्रिड डिप्रेशन डिटेक्शन सिस्टम रखा गया है.
डॉक्टरों ने बताया कि इस नई खोज से सीधा फायदा डिप्रेशन का शिकार ऐसे लोगों को मिलेगा जो डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या जैसे कदम को उठाने पर मजबूर हो जाते हैं. टेस्ट के बाद यह मशीन बता देगी के इस व्यक्ति का डिप्रेशन लेवल किस खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है. इस पेटेंट के आधार पर अब बड़ी-बड़ी कंपनियों को इसकी जानकारी मिल चुकी है. कंपनियां अब इसके लिए एक अलग यंत्र का निर्माण करेंगे जैसे पैथोलॉजी कल सेंटर होते हैं. वैसे ही आप डिप्रेशन टेस्टिंग सिस्टम भी उससे जुड़ जाएंगे या फिर कोई ऐसा यंत्र भी बन सकता है इसे हम और आप हाथ में या चश्मे में पहन सकते हैं.