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रांचीः आज देशभर में प्रकाश के पर्व दिपावली मनाया जा रहा है. आज के दिन महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस साल दिवाली का त्योहार आज यानी 24 अक्टूबर (सोमवार) के दिन पड़ रहा है. इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश और धन की देवी माता महालक्ष्मी का विधि-विधान के साथ पूजा किया जाता है. मान्यता है कि अगर मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाएं तो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. यदि दिवाली के दिन महालक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त में की जाए तो अधिक फलदायी साबित होती है.
बता दें, यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे. जिनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरी नगरी में घी के दीपक जलाकर रोशनी की थी. तभी से इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे...
महालक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्तः
अमावस्या तिथि का शुभारंभ - (अक्टूबर 24) शाम 05 बजकर 27 मिनट से, अमावस्या तिथि समापन - (अक्टूबर 25) शाम 04 बजकर 18 मिनट पर, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक, प्रदोष काल - शाम 06 बजकर 10 मिनट से शाम 08 बजकर 39 मिनट तक, वृषभ काल - शाम 07 बजकर 26 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक.
पूजन विधिः
दिवाली के दिन विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए. इसके लिए आपको सही पूजा विधि के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है. दिवाली पर शाम के समय एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. फिर उस पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और श्रीयंत्र समेत सभी देवी-देवताओं की स्थापना करें. इसके बाद कलश में जल भरकर स्थापना करें. इसके बाद भगवान गणेश का दूर्वा अर्पित करें और फिर मां लक्ष्मी और गणेश का तिलक करें. फिर फल, फूल और मिठाई अर्पित करें. दिवाली के दिन भोग के लिए साबूदाने या चावल की खीर बनाना शुभ होता है.