न्यूज11 भारत
गोलाः गोला में करीब 2300 वर्ष पुराना बौद्ध धर्म के आस्था का केन्द्र खीरी मठ का अस्तित्व खतरे में नज़र आ रहा है. कभी अपनी भव्यता के कारण मशहूर इस मठ की जीर्णशीर्ण स्थिति पर न तो पुरातत्व विभाग और ना ही किसी जनप्रतिनिधि की नज़रे इनायत हो रही है. जिसके चलते इसके अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है.
कभी बौद्ध धर्म के आस्था का केन्द्र रहे गोला का खीरी मठ आज अपनी जीर्णशीर्ण स्तिथि पर आंसू बहा रहा है. यह मठ देश में बौद्ध धर्म के उदय का भी प्रतीक के रूप में जाना जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो जब बौद्ध भिक्षु गया या पारसनाथ दर्शन को जाते तो यहां रात्रि विश्राम करना नहीं भूलते थे.
जब न्यूज11 ने खीरी मठ की जीर्णशीर्ण स्थिति के बाबत जिले के उप विकास आयुक्त को अवगत कराया तो उनकी भी नींद खुली. उन्होंने इस बाबत जल्द ही एक टीम बनाकर सर्वे कराने की बात कही, साथ ही कहा कि मठ के अस्तित्व को बचाने के लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा.
भारतीय पुरातत्व विभाग कई ऐसे धरोहरों को सहेजने में लगा है, जिसका ऐतिहासिक महत्व है. जिला प्रशासन इसको गंभीरता से ले और इस मठ को बचाने में पहल करे. ताकि पुरखों की विरासत बच सके.