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भारत ने चीतों को लाने के लिए नामीबिया के साथ करार किया

भारत ने चीतों को लाने के लिए नामीबिया के साथ करार किया
न्यूज11 भारत

 

ये सब जानते हैं कि सबसे तेज चीता दौड़ता है, लेकिन भारत में 74 साल पहले ही चीता की प्रजाती विलुप्त हो चुकी है. पूरी दुनिया में चीतों की संख्या मात्र 7 हजार है. जिसमें आधे नामीबिया में है. ऐसे में भारत नामाबिया से चीता डील करने वाला है, यानी की नामीबिया से 8 चीतों की MOU साइन करने वाला है. जिसके बाद भारत में 8 चीते लाए जाएंगे वो भी फ्री में... नामीबिया से फिलहाल इस पर बातचीत चल रही है. इसकी मंजूरी मिलते ही चीतों को लाने ले प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके लिए भारत को केवल ट्रांस्पोर्ट की खर्च भारत को उठाना होगा बाकि किसी भी चिज के लिए पैसे नहीं लिए जाएंगे. 

 

भारत के इस उद्यान में दिखेंगे चीते

बता दें कि चीतों को एक स्पेशल फ्लाइट से भारत लाया जाएगा. जिसमें 4 नर चीता और 4 मादा चिता होंगे. ये भी कहा गया है कि आने वाले 5 सालों में भारत में इसकी संख्या 30 होने का अनुमान लगाया गया है. बता दें कि इसी महीने 15 अगस्त से पहले मध्यप्रदेश के कूनो पालपोर राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीते फर्राटे से दौड़ते नजर आएंगे.

 

113 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम

चीतों को लाने का मकसद सिर्फ एक लुप्त प्रजाति को लाना भर नहीं है, बल्कि इसके जरिए भारत सरकार की कोशिश जैव विविधता के लिहाज से पर्यावरणीय संतुलन को विकसित करना है. नामीबिया के साथ इस समझौते के बाद 70 साल में पहली बार भारत चीतों का घर बनेगा. 1952 में भारत की स्वदेशी आबादी को आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित किए जाने के दशकों बाद इनकी वापसी हो रही. बता दें कि चीता दुनिया का सबसे तेज जानवर होता है जो 113 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है.
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