न्यूज 11 भारत
रांची: झारखंड हाईकोर्ट के प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अपरेस कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने धनबाद के आर्शीवाद टावर अग्निकांड मामले पर सुनवाई की. खंडपीठ ने राज्य सरकार से यह पूछा है कि अब तक अगलगी की घटना के बाद सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गयी है.
मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. हाईकोर्ट ने आर्शीवाद टावर अग्निकांड मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. अदालत ने नगर विकास सचिव विनय चौके को अगली सुनवाई के पहले हलफनामा देने का निर्देश दिया है. सरकार को निर्देश दिया गया है कि राज्य भर के बहुमंजिली इमारतों में फायर सेफ्टी ऑडिट की जाये.
अदालत ने कहा कि धनबाद की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी जांच होनी चाहिए. सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन और पीयुष चित्रेश ने पक्ष रखा. अदालत को जानकारी दी गयी कि सरकार के स्तर पर घटना की पूरी जांच के लिए दो कमेटियां गठित की गयी है. महाधिवक्ता ने कहा कि सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को फायर सेफ्टी से जुड़े मापदंडों और मानकों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है.
31 जनवरी 2023 को धनबाद के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के शक्ति मंदिर के बगल में स्थित आशीर्वाद टावर में देर शाम आग लग गयी थी. जिसकी चपेट में आने से 14 लोगों की मौत हो गयी है. जबकि कई लोग झुलस गये हैं.
मरने वालों में 9 महिला, 3 बच्चे समेत 14 लोग शामिल हैं.अपार्टमेंट के जिस फ्लैट में आग लगी थी, उसकी बालकनी से चढ़कर एक युवती दूसरे तल्ले पर चली गई, जबकि एक युवक उस बालकनी की खिड़की से लगभग 45 मिनट से अधिक समय तक लटका रहा. सुबोध लाल श्रीवास्तव की बेटी स्वाति के विवाह कार्यक्रम में शामिल होने रिश्तेदार और अन्य धनबाद आये थे, जिन्हें आर्शीवाद टावर के दूसरे मंजिले में ठहराया गया था.