न्यूज11 भारत
रांची: बाबानगरी देवघर में शिव बारात को लेकर तैयारियां जोरों पर है. कोरोना के दो वर्ष बाद देवघर में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात का आयोजन किया जा रहा है. महाशिवरात्रि महोत्सव समिति आयोजन को आकर्षक और यादगार बनाने में जुटी है. भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे की देखरेख में भव्य बारात निकाली जायेगी.
महोत्सव के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा लगातार बैठक कर तैयारियों की जानकारी ले रहे हैं. अध्यक्ष ने इसको लेकर अलग-अलग कमेटी भी बनायी है. चंदन नगर से आये कलाकार बाबानगरी में बारात की रूट लाइन का निरीक्षण कर आकर्षक लाइट लगायेंगे. विद्युत साज सज्जा के माध्यम से कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर, चार धाम मंदिर, ईगल टावर, नेपाल मंदिर तथा अन्य सजावट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. आकर्षक लाइटों से बाबानगरी पूरी तरह चकाचौंध रहेगी. इसके अलावा मंदिर मार्ग के अलग-अलग रूटों पर भी साज-सज्जा की जा रही है.
जानिए क्या है शिव विवाह की पौराणिक मान्यता
शिव विवाह का वर्णन श्रीरामचरित मानस के बालकांड में मिलता है. इसमें उल्लेख है शिवजी का विवाह वैदिक रीति से हुआ. ऐसा लिखा है कि पर्वतराज हिमाचल ने हाथ में कुश लेकर अपनी पुत्री पार्वती का हाथ पकड़कर उन्हें शिवजी को समर्पण किया. जब महेश्वर (शिवजी) ने पार्वती का पाणिग्रहण किया, तब (इन्द्रादि) सब देवता हृदय में बड़े ही हर्षित हुए.
श्रेष्ठ मुनिगण वेदमंत्रों का उच्चारण करने लगे और देवगण शिवजी का जय-जयकार करने लगे. लेकिन इस विवाह के पूर्व शिवजी बरात लेकर पहुंचे. जिसमें देवी देवता राक्षस भूत प्रेत भी शामिल हुए थे अत: महाशिवरात्री को इसी बारात की झांकी निकलती है.