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रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष पूरा कर रहा है. हम सब लोग अद्भूत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनते जा रहे हैं. उन्होंने दो अगस्त से 15 अगस्त तक राष्ट्रध्वज फहराने और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म में लगाने की बातें कहीं. मन की बात के 91वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्चुअल हरबेरियम स्थापित होगी. भारत की बोटनिकल आयाम को बढ़ावा मिलेगा. भारतीय शोधकर्ताओं के लिए यूनियन वर्चुअल हरबेरियम महत्वपूर्ण साबित होगा. अगर कोई सक्सेस स्टोरी मुस्कान भरे, तो बड़ा काम होगा. शहद की मिठास किसानों का जीवन बदल रहे हैं, उनकी आयु बढ़ा रहे हैं. हरियाणा के सुभाष जी ने वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन का काम छह बॉक्स से शुरू किया. अब उनके पास 2000 बॉक्स हैं. कई राज्यों में मधु पहुंचा रहे हैं. 15 से 20 लाख रुपये सलाना कमा रहे हैं. मधुकेश्वर कर्नाटक में मधुमक्खी कालोनी की सब्सिडी ली थी. आज उनके पास 800 से ज्यादा मधुमक्खी कालोनी है. तुलसी, जामुन और पारंपरिक शहद बना रहे हैं. आपके नाम को भी सार्थक करती है. शहद को पारंपरिक स्वास्थ्य विभाग में अमृत बताया गया है. शहद स्वास्थ्य ही नहीं आरोग्य भी देता है. शहद में काफी संभावनाएं हैं. गुरुकुल के अमित ने पढञाई की नौकरी की जगह स्वरोजगार शूरू किया, आज देश से शहद का निर्यात हो रहा है. नेशनल हनी अभियान चलाया. शहद की मांग दुनिया में हो रही है. मैं चाहूंगा कि हमारे युवा इनका लाभ लें.
पीएम मोदी ने पिंजल मेले का उल्लेख भी किया. उन्होंने कहा कि देशभर के पर्यटक पिंजर मेले से जुड़े हैं. हमारे देश में मेलों का महत्वपूर्ण संबंध रहा है. जब खरीफ की फसल बढ़ती है, तब शिमला, सोलन और अन्य जगहों में मेले लगता है. जागरा मेला भी सितंबर में आता है. शिमला, चिंबौर समेत उत्तराखंड में जागरा मेला होता है. आदिवासी समाज के कई मेले होते हैं. आदिवासी संस्कृति से जुड़े हैं, तो कई आदिवासी विरासत. तेलांगना में चार दिवस सर्वक्का, समंगा जातरा मेला आयोजित होता है. तेलांगना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में भी आदिवासी समुदाय के लिए मेला है. मारिगम्मा मेला ज्येष्ठ अमावश्या से आषाढ़ अमावस्या तक चलता है, आदिवासी समाज इसे शक्ति उपासना करता है. राजस्थान के वैशाल शुक्ल चतुर्दशी को भी आदिवासी मेला आयोजित करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर और मध्यप्रदेश के भजोरिया मेला भी काफी प्रसिद्ध है. आधुनिक समय में समाज की पहली कड़ियां एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए जरूरी है. देश के युवाओं को जुड़ना चाहिए. सोशल मीडिया में मेलों को शेयर करें. कल्चरल मिनिस्टरी की वेबसाइट पर तस्वीरें अपलोड करें. कल्चरल मिनिस्ट्री एक प्रतियोगिता भी आयोजित करेगी. उन्होंने कहा कि मन की बात के एक एपीसोड में मैंने कहा था कि ट्वायज एक्सपोर्ट में पावर हाउस बनने की पूरी संभावना है. भारत के स्थानीय खिलौने परंपरा और संस्कृति के अनुरूप होते हैं. प्रकृति के अनुरूप होते हैं. युवा और स्टार्ट अप में ट्वाय इंडस्ट्री ने काफी सफलता हासिल की है. भारतीय खिलौने की बात होने पर लोकल फोर वोकल की बात सुनायी देती है. भारत में विदेश से आनेवाले खिलौने की संख्या कम हो रही है. पहले 3000 करोड़ के खिलौने यहां आयात किये जाते थे. यह 70 फीसदी कम हो गया है. 26 सौ करोड़ के खिलौने विदेशों में निर्यात किये गये हैं. भारत के ट्वाय सेक्टर ने खुद को ट्रांसफार्म कर दिया है. भारतीय इतिहास और माइथोलोजी पर खिलौने बनाये जा रहे हैं. छोटे उद्यमियों के बनाये गये खिलौने देश भर में जा रहे हैं. विश्व के प्रमुख ट्वाय ब्रांड के साथ काम कर रहे हैं. बेंगलुरू में एक स्टार्ट अप भी शुरू हुआ है. डीआइवाइ ट्वायज काफी अच्छा कर रही है. मैं खिलौने की दुनिया में काम कर रहे स्टार्टअप को बधाई देता हूं. हम सब मिल कर भारतीय खिलौनों को और लोकप्रिय बनायें. अभिभावक भारतीय खिलौने, पजल्स या गेम्स खरीदें. क्लास रूम हो या खिलौने का मैदान हर समय देश को गौरवान्वित कर रहे हैं.
खेल जगत की बात करते हुए पीएम ने कहा कि पीवी सिंधू ने पहला खिताब जीता है. नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स में जैवेलीयन थ्रो ने सिल्वर जीत कर नाम बढ़ाया है. उधर 32 साल के लंबे अंतराल में खिलाड़ियों ने गोल्ड मेडल जीता है. 44वां चेस ओलंपियाड की मेजबानी करना बड़े सौभाग्य की बात है. इसके ओपनिंग सेरोमनी में मैंने हिस्सा लिया था. मैं सभी खिलाड़ियों को कामनवेल्थ गेम्स के लिए शुभकामनाएं दे रहा हूं. फिफा वर्ल्ड कप का आयोजन भी हो रहा है. महामारी के चलते दो साल चुनौतीपूर्ण रहे हैं. युवाओं ने साहस और संयम का परिचय दिया. जब हम मिलेंगे, तब अगले 25 साल की यात्रा शुरू हो चुकी होगी. हमारा प्यारा तिरंगा घरों में फहरे यह जरूरी है.