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रांची/डेस्क: मानवता को शर्मशार करने वाली खबरें अक्सर ट्रेंड में रहते है. हर राज्य से रोज कुछ-कुछ ऐसे मामले समाने आते है. वहीं, ताजा मामला झारखंड के गढ़वा से समाने आया है. इधर एक मां को लोन का ना चुकाना पड़ा गया महंगा. बता दें, सेटिंग माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मियों ने उस मां के नाबालिग बच्चे को 14 दिनों तक बंधक बना कर रखा. जिसके बाद मां द्वारा पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई गई. फिर बाद में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा उसे मासूम को इस चंगुल से निकाला गया.
लोन थी बच्चे को अगवा की वजह
मिली जानकारी दे अनुसार, गढ़वा में टाइम पर लोन नहीं चुका पाने के कारण सेटिंग माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहिनिया गांव के रहने वाले संतोष राम एंव आशा देवी के 12 वर्षीय पुत्र अनीश कुमार को उनके घर से अपहरण कर लिया. कर्मचारियों पर आरोप है कि बच्चे को 14 दिन तक कंपनी की ब्रांच में बंधक बनाकर रखा गया. इतना ही नहीं उस नाबालिग बच्चे यानी की अनीश से छोटे-मोटे काम करवाए जाते थे. इसके अलावा कंपनी के कर्मियों ने मासूम को धमकी भी देते थे कि यदि उसकी मां ने हमारा लोन नहीं दिया तो वे उसकी आंखें और किडनी निकालकर बेच देंगे.
स्थानीय लोगों ने कर्मियों से कराया मुक्त
बता दें, मासूम की मां की शिकायत पर पुलिस ने फोरन एक्शन लिया, तब जाकर श्री बंशीधर नगर एसडीपीओ (SDPO) सत्येन्द्र नारायण सिंह के साथ गांव के कुछ लोगों की मदद से गुरुवार की देर रात नाबालिग बच्चे को मुक्त करा लिया गया. पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर निगम यादव को दबोच लिया हैं, यानी की गिरफ्तार कर लिया है. वहीं कर्मचारी उमाशंकर तिवारी की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है.
सेटिंग माइक्रो फाइनेंस कंपनी की ब्रांच श्री बंशीधर नगर शहर के हेन्हो मोड़ के पास स्थित है. आशा देवी ने 2 वर्ष पूर्व समूह के जरिए से इस कंपनी से 40 हजार रुपये का ऋण लिया था. जिस में से महिला ने 22,000 रूपए चूका दिए थे, और सिर्फ 18,000 रुपए बाकी थे. फाइनेंस कंपनी का मैनेजर निगम यादव उस पर बचे रूपए को लेकर महिला पर सतत दबाव डाला जा रहा था, लेकिन पैसे की कमी की वजह से वह बचे हुए पैसे नहीं दे पा रही थी.