न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड के अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को बैंकों द्वारा कृषि ऋण, गृह ऋण और शिक्षा ऋण सहित सभी प्रकार के लोन लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल छोटानगपुर काश्तकारी अधिनियम-1908 एवं संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम-1949 के प्रावधान के अनुसार अनुसूचित जनजातियों की जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक है. जिसके कारण झारखंड के अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को सरकारी बैंकों से कृषि, गृह और शिक्षा से लेकर सभी प्रकार के लोन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इसको लेकर झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद् की उप समिति की बैठक में लिए गए निर्णयानुसार अनुसूचित जनजाति समुदाय को बैंकों के माध्यम से कृषि ऋण, गृह ऋण, शिक्षा ऋण सहित अन्य ऋण लेने में होने वाली कठिनाईयों तथा उसके निराकरण से सम्बंधित सुझाव प्राप्त किया जाना है.
ईमेल व वाट्सअप नंबर जारी
आदिवासी समुदाय को लोन मिलने में होनी वाली कठिनाई और उसके निराकरण को लेकर आदिवासी कल्याण आयुक्त की ओर से सुझाव मांगे गए हैं. इसको लेकर उन्होंने आदिवासी कल्याण आयुक्त कार्यालय झारखंड के ई-मेल के अलावा वाट्सअप नंबर भी जारी किया है. ई-मेल-
[email protected] या Whatsapp No.- 8580366587 के अलावा डाक द्वारा भी दिनांक- 30.07.2022 तक आम लोग इस संबंध में समस्या व निराकरण के लिए सुझाव भेज सकते हैं.