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रांची: भाजपा के चार राज्यों में जीत के बाद अचानक आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो समेत पांच विधायकों ने तीसरा मोर्चा झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन कर सबको चौंका दिया है. इस मोर्चा में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के अलावे विधायक लंबोदर महतो, एनसीपी विधायक कमलेश सिंह, निर्दलीय विधायक सरयू राय एवं अमित यादव शामिल हैं. चौंकाने वाली बात यह रही कि आज विधानसभ परिसर में इसकी घोषणा इन पांच विधायकों ने किया. इस बारे में मीडिया को सुदेश कुमार महतो ने बताया कि जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए यह मोर्चा गठन किया गया है. तीसरा मोर्चा में शामिल सभी लोग इस बात को लेकर सहमत हैं. भूमू पुत्रों के हित में स्थानीय नीति बनाने की मांग उन्होंने की. सुदेश महतो ने कहा कि सदन के अंदर स्पीकर हमेशा दलीय पक्ष्ज्ञ के सवालों पर जोर देते हैं. इससे हमलोगों का मूल एजेंडा गायब हो जाता है. इसलिए पांच विधायकों ने संयुक्त रूप से मोर्चा बनाकर यह प्रयास है कि अपनी बातो को वे स्पीकर के समक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि अगर सदन के बाहर जनहित के मुद्दे सामने आएंगे. तो यह तीसरा मोर्चा मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेगा. लंबोदर महतो ने कहा कि जनहित के मुद्दे, झारखंड के विकास के लिए यह तीसरा मोर्चा गठित किया गया है. मोर्चा के अंदर और सदन के बाहर जनता के हित में लड़ाई लड़ेंगे.
अगर सुदेश महतो के बातों पर गौर करें तो समझ से परे है. सदन में सभी लोग अपनी बातों को आसानी से रखते हैं और उनका जवाब भी मिलता है. केवल सदन में बात रखने के लिए इस मोर्च का गठन की बात भी हजम नहीं होती है. क्योंकि विशेष सत्र को छोड़कर साल में केवल दो सत्र मानसून और शीतकालीन सत्र ही होती है. इसलिए यह तर्क समझ से परे है. राजनीतिक के जानकारों के अनुसार इसके पीछे बड़ा हिडेन राजनीतिक एजेंडा है. अगर सुदेश महतो और आजसू की बात की जाए तो पिछले विधानसभा चुनाव में झारखंड गठन के बाद पहली बार आजसू अकेले लडी मगर केवल दो सीटें ही ला पायी. फिर इसके बाद हुए दो उपचुनाव में भाजपा आजसू साथ आ गए. यानि की आजसू अगले चुनाव में फिर अकेले चुनाव मैदान में जाएगी, ऐसा होता नहीं दिख रहा है. रही बात सरयू राय और अमित यादव भाजपा से ही जुड़े रहे. इस बार के विधानसभा चुनाव में ये भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के कारण निर्दलीय लड़े. इसलिए इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि आगामी 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसके पीछे कोई बड़ा हिडेन राजनीतिक एजेंडा है, जो जल्द ही सबके सामने आ जाएगा.