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रांची: एशिया का सबसे बड़ा भारी उद्योग कंपनी हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को बचा लीजिए. कंपनी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है. कर्मचारियों को 16 माह से वेतन नहीं मिला है. कंपनी से जुड़े 3000 परिवार पैसों के अभाव में बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे है. परिवार को बेहतर इलाज उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. अगर केंद्र ने एचईसी कंपनी को जल्द आर्थिक सहयोग प्रदान नहीं किया, तो कंपनी स्वत: बंद हो जाएगी. वहीं कंपनी में काम करने वाले सैकड़ों परिवार सड़क पर आ जाएंगे. एचईसी कर्मियों ने त्राहिमाम (पोस्टकार्ड) लिखकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को स्थिति से अवगत करा रहे हैं. वहीं कंपनी के लिए आर्थिक सहयोग मांग रहे है.
पिछले 6 महीनों से बकाया वेतन मांग रहे अधिकारी और कर्मचारी
एचईसी कंपनी के अफसरों व कर्मियों ने पोस्टकार्ड संदेश अभियान चलाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मार्मिक गुहार लगा रहे हैं. कर्मी अपने संदेश पत्र में लिख रहे है कि एचईसी भारत सरकार का उपक्रम है. गत दो वर्षों से कंपनी के भविष्य पर यथोचित निर्णय नहीं लिया जा रहा है. कंपनी से जुड़े 3000 परिवारों के सामने आर्थिक एवं मानसिक रूप से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गयी है. पिछले 6 महीनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए अधिकारी एवं कर्मचारीगण बकाया वेतन की मांग कर रहे हैं. दैनिक समस्याओं से केंद्र सरकार, भारी उद्योग मंत्रालय को अनेकों पत्राचार के माध्यम से रू-ब-रू करवाया, लेकिन भारी उद्योग मंत्रालय एवं केंद्र सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. जिसकी वजह से कंपनी की स्थिति खराब हो रही है. रोजाना अफसर विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यस्थलों पर उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं.
कंपनी को जल्द नहीं मिला सहयोग, तो स्वत: बंद हो जाएगी कंपनी
एचईसी को जल्द आर्थिक सहयोग नहीं मिला, तो कंपनी कुछ माह बाद स्वत: बंद हो जाएगी. कंपनी के समक्ष आर्थिक संकट गहराते जा रही है. कोर कैपिटल तकरीबन समाप्त होने के कगार पर है. 16 माह से एचईसी कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. हर माह वेतन आदि पर 7 करोड़ खर्च होता है. यह राशि भी कंपनी हर माह एकत्र नहीं कर पा रही है. दूसरी तरफ कोर कैपिटल के अभाव में उत्पादन का ग्राफ पूरी तरह से गिर गया है. तकरीबन कंपनी के सभी शॉप में उत्पादन ठप हो गया है. ऐसी स्थिति में अगर एचईसी को आर्थिक सहयोग नहीं मिला, तो कंपनी कुछ माह में स्वत: बंद हो जाएगी. एचईसी प्रबंधन के आला अफसरों का कहना है कि वर्ष 2020 में भी कोरोना की वजह से कंपनी उत्पादन लक्ष्य नहीं प्राप्त कर सकी थी. वर्ष 2021 के दूसरे तिमाही में ही कंपनी का उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया. वर्तमान में कंपनी कुछ महत्पूर्ण कार्य कर रही थी, उसका भी काम बंद हो गया है. वर्तमान में कंपनी में स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों की संख्या तकरीबन 3100 है. अगले दो-चार महीने यही स्थिति रही, तो कंपनी के भविष्य पर संकट गहराने लगेगा.
मशीनों के लिए तेल भी नहीं खरीद पा रही कंपनी
एचईसी कंपनी के पास एक हजार करोड़ का ऑर्डर है. वर्किंग कैपिटल के अभाव में पहले एचईसी का उत्पादन प्रभावित था जो कि अब पूरी तरह से ठप हो चुका है. अरबों का वर्क आर्डर होने के बावजूद कंपनी संकट के दौर से गुजर रही है. अगर कंपनी को जल्द आर्थिक सहयोग नहीं मिला, तो एचएमबीपी प्लांट के कई शॉप स्वत: बंद हो जाएंगे. एचएमबीपी प्लांट में कई बड़े मशीन है जिनको चलाने के लिए विशेष ऑयल की जरूरत पड़ती है. मगर वर्तमान परिस्थिति में एचईसी प्रबंधन मशीन में इस्तेमाल किये जाने वाला ऑयल भी नहीं खरीद पा रही है.