न्यूज11 भारत
आंध्र प्रदेश में 10 दिनों की लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ का कहर कम होने नाम नहीं ले रहा है. इस भीषण बाढ़ में प्रसिद्ध शहर तिरुपति में सैकड़ों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. राज्य के रायलसीमा के चार जिलों में ही बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 पर पहुंच गई है, वहीं करीब 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
मालूम हो, बंगाल की खाड़ी में विकसित हुए दो दबावों के कारण हुई बारिश से नदियों और जल परियोजनाओं में बाढ़ आ गई है, जिसमें कई राज्य के जिलों को व्यापक नुकसान हुआ है. सबसे बुरी तरह प्रभावित स्थानों में से एक चित्तूर जिले में तिरुपति शहर और रायलसीमा के क्षेत्र हैं. तिरुपति के तिरुमाला पहाड़ियों से भारी मात्रा में पानी स्वर्णमुखी नदी उफान पर चला गया, जलाशयों में पानी भर गया और बाढ़ आ गई. घाट रोड और तिरुमाला हिल्स के रास्ते बंद कर दिए गए हैं. जिले में बाढ़ या करंट लगने से कई लोगों की मौत हो गई है. वहीं, रायलसीमा के चित्तूर, कडपा, अनंतपुर और नेल्लोर में अचानक बाढ़ आने से हजारों लोग पानी में डूबे हुए हैं, जबकि कई गांवों की सड़कें पानी के तेज बहाव के कारण धराशायी हो गई हैं. भीषण बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. बाढ़ में बह गए लोगों के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. इसके अलावा बाढ़ ने कई जगहों पर सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और रेल, सड़क और हवाई यातायात भी प्रभावित हुए हैं.
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. स्थिति को संभालने के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा राहत टीमों को तैनात किया गया है और बचाव कार्य जोरों पर है. खबर है कि बाढ़ के कारण कडप्पा एयरपोर्ट 25 नवंबर तक बंद रहेगा. इस मूसलाधार बारिश ने तमिलनाडु और केरल में भी मुश्किलें पैदा की है. केरल के पथानामथिट्टा जिले में, पंबा नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण पंबा और सबरीमाला की तीर्थयात्रा पर रोक लगा दी गई है.