वहीं सरकार की तरफ से मुकूल रोहतगी और कपिल सिब्बल हुए प्रस्तुत
तुषार मेहता का रांची में होना एक नयी बात
न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को एटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने एक मामले की कार्रवाही में शिरकत की. झारखंड हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्टोन माइंस आवंटन मामले में तुषार मेहता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से पेश हुए और अदालत की कार्रवाही में जिरह की. उन्होंने अदालत से कहा कि हमारे पास शेल कंपनियों से संबंधित अहम दस्तावेज हैं, जो हम सीधे अदालत को नहीं दे सकते और ईडी इस पर सीधा मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा कि ईडी की तरफ से 17 मई को सीलबंद लिफाफे में ये दस्तावेज अदालत को उपलब्ध कराये जायें. सुनवाई के क्रम में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्त मुकूल रोहतगी और कपिल सिब्बल ने सरकार की तरफ से बहस की. आखिर एक ही दिन में देश के तीन बड़े और नामी-गिरामी अधिवक्ताओं का रांची में होना महज एक संयोग ही नहीं है, बल्कि इन तीनों का आना एक बड़ी अनहोनी का संकेत दे रहा है.
आखिर कौन हैं तुषार मेहता, आइए डालते हैं एक नजर
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कई बड़े केसों में पैरवी करते हैं. वे फिलहाल देश से एटार्नी जनरल है. तुषार मेहता आधार केस में वे UIDAI के लिए पेश हुए थे. अयोध्या राम जन्मभूमि- बाबरी विवाद में वे यूपी सरकार की ओर से पेश होते रहे हैं. धारा 377 मामले में वे केंद्र की ओर से उन्होंने दलीलें पेश की. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की याचिका पर वे केंद्र की ओर से पेश हुए थे.इसके अलावा मेहता भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र सरकार की ओर से, रोहिंग्या मामले में केंद्र की ओर से, असम में NRC मामले में असम सरकार की ओर से पेश हो रहे हैं. एयरसेल मैक्सिस केस में वे पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश हुए. मेहता को 2G मामले में स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील के लिए स्पेशल पीपी बनाया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ इनकम टैक्स की तरफ से पेश हुए थे.