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रांची: नगर निगम के मेयरों और नगर पालिका के अध्यक्ष के अधिकारों में कटौती के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहिता याचिका पर तीन दिसंबर को सुनवाई होगी. आपको बता दें कि प्रार्थी संजय कुमार की ओर से अदालत से इस मामले पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और सुनवाई के लिए 3 दिसंबर की तारीख तय कर दी है. प्रार्थी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि महाधिवक्ता की ओर से की गई गलत व्याख्या को कानून के रूप में मान्यता देते हुए राज्य सरकार ऐसा निर्देश जारी नहीं कर सकती है, जिसमें मेयर के अधिकार को कम किया जा सके.
महाधिवक्ता ने नगरपालिका अधिनियम में निहित प्रविधानों की अनदेखी एवं गलत व्याख्या की गई है. इस कारण नगर निगम के मेयरों और नगर पालिका के अध्यक्ष के अधिकार नगण्य हो गया है. गलत व्याख्या के कारण अब एजेंडा व बैठक की तिथियों को निर्धारित करने का अधिकार अब मेयर की बजाय नगर आयुक्त अथवा सीईओ को दे दिया गया है. प्रार्थी की ओर से कहा गया है कि महाधिवक्ता का मंतव्य संविधान एवं नगरपालिका अधिनियम के ठीक विपरीत है. प्रार्थी ने अदालत से मांग कि है कि राज्य सरकार के उक्त आदेश को निरस्त कर देना चाहिए.