Friday, Apr 26 2024 | Time 10:55 Hrs(IST)
 logo img
  • कौन है पीतल के उत्पादों पर बारीक आर्ट में महारत हासिल करने वाले पद्मश्री बाबुराम यादव ?
  • पलामू: चार बच्चों के पिता ने एक लड़की का किया यौन शौषण
  • पलामू: चार बच्चों के पिता ने एक लड़की का किया यौन शौषण
  • Jharkhand Weather Update: झारखंड में पांच दिनों तक गर्मी से राहत नहीं, कई जिलों में हीट वेव का अलर्ट
  • दो परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का आरोप, एसडीओ से लगाई न्याय की गुहार
  • दो परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का आरोप, एसडीओ से लगाई न्याय की गुहार
  • संजीवनी से कम नहीं है "बहेड़ा" ! खांसी-जुकाम के साथ थकान और तनाव भी हो जाएगा छू मंतर
  • संजीवनी से कम नहीं है "बहेड़ा" ! खांसी-जुकाम के साथ थकान और तनाव भी हो जाएगा छू मंतर
  • लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण का मतदान आज, जानिए किन-किन सीटों पर हो रही है वोटिंग
  • हजारीबाग: लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन सतर्क, सेंट्रल जेल में की छापामारी
  • सिमडेगा में अज्ञात लोगों ने मारपीट कर एक व्यक्ति को किया घायल
  • सिमडेगा में अज्ञात लोगों ने मारपीट कर एक व्यक्ति को किया घायल
  • लोकसभा चुनाव से पहले सभी अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी में पुलिस
  • लोकसभा चुनाव से पहले सभी अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी में पुलिस
  • चतरा से NDA प्रत्याशी कालीचरण सिंह आज करेंगे नामांकन, प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष होंगे शामिल
NEWS11 स्पेशल


सरकार पलायन रोकने एवं रिक्त पदों को भरने के लिए प्रत्यनशील: राज्यपाल

टेढ़े-मेढ़े रास्ते से नहीं, सीधे रास्ते से काम करना है : हेमंत सोरेन
सरकार पलायन रोकने एवं रिक्त पदों को भरने के लिए प्रत्यनशील: राज्यपाल

रांची: राज्य स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस सभी को अभिनंदन करते हुए जोहार से संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा कि इस पावन धरती पर भगवान बिरसा मुंडा ने जन्म लिया. झारखंड के तमाम महविभुतियों को नमन करता हूं. जिनके कारण झारखंड का गठन हुआ, उन्हें भी नमन करते हैं. देश के विकास में झारखंड का बड़ा योगदान है. केंद्र एवं राज्य सरकार की संचालित योजना धरातल पर दिखे, इसके लिए मिलकर काम करने की जरूरत है. झारखंड ने कई ऐसे विभूतियां दी हैं जो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी. जिसमें पद्मश्री से नवाजे गए लोग यहां बैठे हुए हैं. इनका जीवन हमारे  प्ररेणादायक है. झारखंड में पर्याप्त मात्रा में खनिज संपदा है. परिपूर्ण झारखंड की विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं. झारखंड को विकासशील से विकसित के श्रेणी में लाना एक चुनौती है. झारखंड में पलायन की समस्या एवं रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार प्रत्यनशील है. शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देना इसका साक्षी है. हमारी सरकार रोजगार देने के प्रति संकल्पित है. कई ऐसे योजनाएं शुरू की है जिससे लोगों को फायदा मिल रहा है. यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. इस पर काम करने की जरूरत है. इससे भी रोजगार सृजित होंगे.    


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह राज्य आंदोलन की उपज है. हर कोने से इस राज्य के आदिवासी-मूलवासियों ने झारखंड को एक अलग पहचान देने का काम किया. ऐसे उत्सव को तभी पूर्ण रूप से देख पाते हैं जब हमारे राज्य के वीर गति को प्राप्त किए सपूतों को  याद करें, नमन करें. बिरसा मुंडा को धरती आबा का नाम उनके माता-पिता नहीं दिया. यह नाम उनके संकल्प, उनके संघर्ष, राज्य के जल, जंगल और जमीन और सभ्यता संस्कृति को बचाने के संघर्ष के लिए दिया गया. झारखंड में अलग-अलग समय काल में यहां के आदिवासी, दलित, पिछड़ों एवं शोषितों  लिए संघर्ष किया एवं शहीद हो गए. कई लोगों को जेल में सड़ा दिया गया, कई लोगों को फांसी दे दिया गया. साल के पहले दिन से शहीद दिवस भी मनाते हैं जो विभिन्न तिथियों में शहीद हुए थे. समय-समय पर ऐसे विभूतियों ने जन्म लिया,जिनकी दुरदर्शिता बहुत दूर तक थी. आज के दिनों में भी जनजातीय समाज विकास के पैमाने पर कदम से कदम मिलाकर चल नहीं पाया है. लेकिन वक्त एवं हालात के साथ, यह समुदाय भी अपना संघर्ष जारी रखा है. आज कहीं  लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने आज जनजातीय उत्सव के रूप में घोषित किया. डेढ़ सौ साल लगे इसकी घोषणा में. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कितना संघर्षमय जीवन रहा होगा. यह एक ऐसा समाज है जो कभी ऊंच-नीच,भेदभाव की लकीर नहीं रखा. लेकिन कपितय कारणों से इस समाज को दो हिस्सों में बांटने का काम किया जाता रहा है. मैं जिस समाज से आता हूं जहां पर 356 दिन जयंती और पूण्यतिथि मनाते हैं. अगर शुरू से इन विषयों पर काम किया जाता तो आज झारखंड देश के पिछड़े नहीं अग्रिम पंक्ति में खड़ा होता है. इस झारखंड में क्या नहीं है. इस राज्य के खनिज से देश चलता है, सोना पाया जाता है, उस राज्य की क्या दशा है. मगर आज भी जनजातीय वर्ग पिछले पैदान पर खड़ा है. नियमावली बनाए जा रहे हैं, संशोधन किए जा रहे हैं. जल्द ही भारी संख्या में नियुक्तियां की जाएगी. क्योंकि कितने विभागों में नियुक्ति नियमावली ही नहीं है. काम करना है मगर सीधे तरीके से, टेढ़े-मेढ़ रास्ते से नहीं . राज्य की भावना को समझने का काम नहीं किया गया. उन्होंने अनुवादकों को एक-एक लाख रूपए और देंगे ताकि वे और बेहतर काम कर सकें.    


कोरोना संकट के बीच हमने सभी मिलकर बेहतर काम किया: आलमगीर आलम


मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि स्थापना दिवस के दिन हम बीते हुए दिनों की समीक्षा करते हैं. इसके बाद कमियों को दूर करके काम करने की कोशिश करती है. हेमंत जी के नेतृत्व में हमारे राज्य के लोगों के अधूरे काम को शुरू किया है. मगर दो वर्ष में कोरोना संकट के बीच हेमंत जी के  नेतृत्व में इस लड़ाई से लड़े. हमारे यहां के लाखों मजदूर बाहर चले गए थे. उन्हें लाना, रोजगार देना, राशन देना बहुत बडी चुनौती थी. मगर हमारी सरकार ने यह कर दिखाया. जॉब कार्ड से लेकर राशन पहुंचाने का काम किया. इस महामारी से हमारी सरकार सभी पदाधिकरियों, कर्मचारियों, डॉक्टर,नर्से एवं हेल्थ वर्करों ने अहम भूमिका निभाया. हमारी महिला-मां बहन जो सड़क पर दारू-हड़िया बेचती थी. 16 हजार महिलाओं को इस योजना के तहत रोजगार देने का काम किया. आने वाले तीन सालों में आपके घर-घर जाकर काम करने का काम करेंगे. गांव-गांव जाकर योजना की समीक्षा की जाएगी. अधूरा हुआ तो किस कारण अधूरा है, उसकी भी समीक्षा की जाएगी.  


स्वागत भाषण के दौरान बोलते हुए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि अलग राज्य का सपना देखने वाले सपूत यहां जन्म लिया. झारखंड के परंपरा-संस्कृति अक्षुण्ण रहे.  कार्यक्रम में मंत्री जगरनाथ महतो, सांसद विजय हांसदा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, राजीव अरूण एक्का सहित सभी विभागों के सचिव मौजूद थे. 


पद्मश्री तीनों हस्तियों एवं बिरसा मुंडा के वंशजों को किया गया सम्मानित


पद्मश्री सम्मानित से सम्मानित छुटनी महतो, शशिधर आचार्य, मधू मंसूरी हसंमुख को स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल द्वारा शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा, परपोता कालू मुंडा को राज्यपाल एवं सीएम ने शॉल ओढ़ाकर एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. 


लुप्त होती भाषाओं पर बाल व्याकरण पुस्तक का लोकापर्ण, अनुवादक हुए सम्मानित


डा रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान गुफा चित्रों पर आधारित लुप्त आधारित भाषाओं के आधार नेशनल बुक ट्रस्ट के साथ मिलकर 45 तथ्यात्मक व्याकरण बाल पुस्तकों को तैयार किया गया है. इन पुस्तकों को इनके भाषा के जानकार लोगों ने ही तैयार किया गया है. इसका अतिथियों ने लोकार्पण किया गया. राज्यपाल ने भाषा के अनुवादक रमाराम विरोहर, योगेश्वर असूर, सुषमा असूर, रामा पहाड़िया डा विक्रम जोरा सहित कई को सम्मानित किया गया.


इन योजनाओं की हुई लांचिंग, सरकार की योजनाओं के बारे में बताया गया


-सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को लांच किया. 100 करोड़ का निधि का गठन किया गया है. गैर अनुसूचित क्षेत्रों में नियुक्त शिक्षकों में से इतिहास और नागरिक शास्त्र के आठ शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. शांता डुंगडुंग,आशिष कुमार, मनोज कुमार दास, विजय टोप्पो, सरिता कुमारी, लोकनाथ कुमार, अशोक राम को सांकेतिक से नियुक्ति पत्र सौंपा गया. 


-सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 58 लाख से अधिक परिवारों को जोड़ा गया है. दस रूपया में धोती-साड़ी या लूंगी दिया जाता है. लाल एवं पीला कार्ड धारियों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. 


-सहाय खेल योजना : पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला, गुमला में इसे शुरू किया जाएगा. इसके तहत विभिन्न तरह के स्थानीय खेल  के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा. 


-भारत भूषण ठाकुर, रणविजय सिंह, विष्णु चरण महतो, कृष्णा महतो, यदुनदंन यादव पैक्स योजना के लिए दो-दो लाख का चेक देकर सम्मानित किया गया. 


-सरहुल पत्रिका झारखंड के विभिन्न जेलों में बंद बंदियों की कहानियां, चित्र हैं. इसका विमोचन अतिथियों ने किया. इसे केंद्रीय कारा ने किया है. 


-डिजास्टर रिकवरी सेंटर की स्थापना के बारे में बताया गया कि जिसमें डेटा संग्रहण होगा. सुरक्षात्मक उपायों के तहत डेटा सुरक्षित करने की योजना शुरू की.


-फूलो-झानो आर्शीवाद योजना के दूसरे चरण का हुआ शुभारंभ. इसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना का और विस्तार करने की योजना है. पहली चरण की चुने गयी महिलाओं को और सशक्त किया जाएगा. साथ ही नयी महिलाओं को जोड़ा जाएगा. इसके तहत वेब पोर्टल एवं ऑन लाइन डैस बोर्ड का शुभारंभ किया गया. इसके तहत नव जीवन सखियों को सम्मानित किया गया. इसके लिए एक एप भी तैयार किया गया. जिसका शुभारंभ अतिथियों ने किया. इस कार्यक्रम की मॉनेटरिंग की जाएगी. 


-आपकी अधिकार,आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. सरकार के समाज उस वर्ग के कल्याण का कार्य करेगी जिसे योजना का लाभ नहीं मिल पाता है. हर दिन चार से पांच पंचायत में जनकल्याणकारी योजना  की जानकारी दी जाएगी और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. शिकायतों का ऑन स्पॉट किया जाएगा. सरकार इसके जरिए सरकार की हर योजना को लेकर सरकार जनता के बीच जाएगी.

अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.