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रांचीः दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. बता दें, कोर्ट ने उन्हें 6 हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. जैन के वकील ने कोर्ट ने उनके खराब तबीयत के बारे बताया था और उनकी स्थिति को देखते हुए जमानत की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को जमानत देते हुए कहा है कि वे दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जा पाएंगे. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी.
25 मई को तिहाड़ जेल के वॉशरूम में गिरे थे जैन
बता दे, 25 मई को तिहाड़ जेल के वॉशरूम में चक्कर आने के बाद वे गिर गए थे. जिसके बाद उन्हें पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) में भर्ती कराया गया था. वहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखा था. बाद में बेहतर इलाज के लिए उन्हें डीडीयू से एलएनजेपी (लोक नारायण जय प्रकाश अस्पताल) हॉस्पिटल शिफ्ट में कराया गया था.
बिना इजाजत के दिल्ली से बाहर नहीं जाएं- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जैन को आज यानी शुक्रवार (26 मई) को 6 हफ्तों की जमानत दे दी है. उन्हें कोर्ट से 11 जुलाई तक अंतरिम राहत मिली है. हालांकि 10 जून को उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश होना होगा. अपनी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि सत्येंद्र जैन को उनकी सेहत को देखते हुए छोड़ा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि हम सत्येंद्र जैन को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की इजाजत देते हैं. साथ ही जैन किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे. साथ ही कहा कि वे कोर्ट की इजाजत के बगैर दिल्ली से बाहर नहीं जाएंगे. जमानत के दौरान जो भी इलाज किए जा रहे है सभी के दस्तावेज कोर्ट के सामने पेश किए जाएं.
31 मई 2022 से हिरासत में है जैन
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 18 मई को ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जैन 31 मई 2022 से हिरासत में हैं. वहीं मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 अप्रैल को जमानत याचिका खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसकी अपील की थी.
जानें क्या है सत्येंद्र जैन से जुड़ा मामला
आपको बता दें, 24 अगस्त 2017 को CBI की तरफ से दर्ज की गई FIR को आधार बनाकर ED ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई शुरू की थी. उनपर आरोप है कि उन्होंने 2015, 14 फरवरी से 2017, 31 मई तक कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियों की खरीद की थी. जिसका जांच के दौरान वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे.