न्यूज़11 भारत
रांची: झारखंड के सबसे बड़े दरगाह रांची के डोरंडा स्थित हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा का पांच दिवसीय सलाना उर्स गुरुवार से शुरू होगा. कोरोना संक्रमण को देखते हुए लगातार दूसरे साल उर्स मेला का आयोजन नहीं होगा. मौत कुआं सहित किसी भी प्रकार का झूला नहीं लगाया जाएगा, जिससे भीड़भाड़ हो. पांच दिवसीय उर्स के अंतिम दो रात में होने वाला कव्वाली मुकाबला (दिल्ली, मुंबई व यूपी के बड़े कव्वालों के बीच आयोजित किया जाता था) भी इस साल आयोजित नहीं होगा. दरअसल सरकार के गाइडलाइन के अनुसार पूरी व्यवस्था की गई है. इसके तहत दरगाह कमेटी की ओर से परिसर में श्रद्धालुओं को मास्क लगाकर आने कहा गया है. वहीं, कमेटी सैनिटाइजर की व्यवस्था करेगी. निर्धारित संख्या में ही एक बार में श्रद्धालुओं को दरगाह की जियारत करने दी जाएगी.
65 फीट ऊंचा परचम लहराया जाएगा
उर्स के दूसरे दिन 22 अक्टूबर को 65 फीट ऊंचा परचम कुशाई (लहराया) जाएगा. जिसमे चांदी का चांद तारा लगा होगा. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद रिसालदार बाबा दरगाह के अध्यक्ष हाजी रऊफ के द्वारा परचम कुशाई की जाएगी.
शिरनी, मिठाई और चादर की दुकानें ही खुलेंगी
रिसालदार बाबा का यह 214वां पांच दिवसीय सालाना उर्स में इस बार सिर्फ शिरनी(प्रसाद), मिठाई, फूल-माला और चादर दुकानें लगेंगी. बच्चों के खिलौने व आइसक्रीम, चाट-गोलगप्पा आदि के ठेले लगेंगे. कमेटी के सचिव मो. फारुख ने बताया कि पांच दिनों तक श्रद्धालुओं के बीच लंगर का वितरण किया जाएगा.
5 दिन तक उर्स के इस प्रकार होंगे कार्यक्रम
21 अक्टूबर – 8:00 बजे परचम कुशाई, हाजी अब्दुल रऊफ गद्दी के आवास से शाही संदल व चादर निकालकर मजार में चादरपोशी होगी. इससे पूर्व दोपहर 2 बजे कौसर जानी और शहंशाह ब्रदर्स के बीच अध्यक्ष के आवास पर कव्वाली होगी.
22 अक्टूबर - 65 फीट ऊंचा परचम कुशाई होगी, दरगाह पर खानकाही कव्वाली होगी.
23 अक्टूबर - बाद नमाज ईशा (रात 8.30 बजे ) खानकाही कव्वाली होगी.
24 अक्टूबर - महासचिव मो. फारुक के आवास पर कौसर जानी और शहंशाह ब्रदर्स के बीच कव्वाली होगी. शाही संदल व चादर निकलेगी और बाद नमाज असर चादर पोशी होगी. रात 8.30 बजे से मजार शरीफ मस्जिद के दूसरे तल्ला में नातिया मुशायरा होगा.
25 अक्टूबर - फातिहाखानी, मिलाद, तिलावत पंज सूरह होगी. श्रद्धालुओं के बीच लंगर का वितरण होगा.