न्यूज11 भारत\सरफराज कुरैशी
रांची: राजधानी में फर्जी वेबसाइट के सहारे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का मामला पीछे दिनों अर्थ एवं संख्यिकी निदेशालय झारखंड की ओर से कराई गई जांच में इसका खुलासा हुआ था. अब ऐसे लोगों के खिलाफ जिला सांख्यिकी पदाधिकारी विमल कुमार ने लोअर बाजार थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. मालूम हो कि फर्जी वेबसाइट से प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आने के बाद निदेशक-सह अपर मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) अंजनी कुमार ने रांची डीसी सह जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. सुसंगत प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई करने कर इसकी रिपोर्ट देने कहा था. जिसके बाद डीसी छवि रंजन ने जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने कहा. जिसके बाद लोअर बाजार थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
जांच में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले कई दुकानदार आएंगे जद में
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी की ओर से एफआईआर के लिए दिए गए आवेदन पर गौर करें तो फर्जीवाड़े के इस खेल में कई कैफे संचालक जद में आ सकते हैं. एफआईआर के लिए दिए गए आवेदन में बताया गया है कि कांटा टोली स्थित मंगल टावर व इसके पीछे इस्टेट प्लाजा में 11 मई को जांच टीम लोअर बाजार थाना के अवर निरीक्षक एवं पुलिस बल के साथ कई दुकानों में जांच की गई थी. इस्टेट प्लाजा के साइबर कैफे दुकान नंबर-05 में जांच के दौरान शहजाद हुसैन और मनोज कुमार महतो नामक दो व्यक्ती कैफे में मिले. उन्होंने बताया कि कैफे में जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों से जन्म प्रमाण पत्र संबंधी सभी आवश्यक सूचनाएं यथा-बच्चों का नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान इत्यादि सूचना- प्रपत्र में भर कर भृगू राम महतो C.S.C सेंटर सिल्ली, रंगामाटी को आगे की कारवाई के लिए भेजते थे. वहीं, मनोज कुमार महतो के अनुसार भृगू राम महतो के द्वारा जन्म प्रमाण पत्र बनाने के बाद PDF Format में मुझे प्राप्त होता है. उसकी कॉपी निकालकर ग्राहकों को देते हैं. जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया की जानकारी मुझे नहीं है. इस कार्य के लिए 1600 लेते थे. वहीं, मंगलटावर में दुकान संख्या-110 में जांच करने पर वहां के संचालक धमेन्द्र प्रसाद के पास कुछ जन्म प्रमाण पत्र मिले जिसकी QR CODE की जांच करने पर फर्जी पोर्टल crsgov.com, me_qr.com का पता चला. इसके अलावा दो अन्य दुकानों में जांच की गई. उनके यहां से सरकारी वेबसाइट से जारी प्रमाण पत्र मिले. मतलब साफ है कि भृगू राम महतो के पकड़े जाने पर इस मामले में और भी कैफे संचालक जद में आ सकते हैं.
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चार सदस्यीय टीम ने की थी छापेमारी
राजधानी के कांटाटोली स्थित मंगल टावर के पीछे इस्टेट प्लाजा में फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने की सूचना मिलने पर योजना एवं विकास विभाग के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय ने रांची जिला सांख्यिकी पदाधिकारी विमल कुमार के नेतृत्व में पांच पदाधिकारियों की जांच टीम बनाई थी. जिसमें निदेशालय के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी मृगेंद्र कुमार, रांची सांख्यिकी कार्यालय के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी निर्मल सिंह बानरा, निदेशालय के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी श्रवण कुमार और कनीय सांख्यिकी पदाधिकारी शशिभूषण चौधरी शामिल थे. जांच टीम ने इस्टेट प्लाजा के साथ मंगलटावर में संचालित कैफे में भी जांच की. इस दौरान टीम ने फर्जी प्रमाण पत्र का प्रिंट अपने साथ ले गई थी.
एक नजर में एक्सपर्ट भी खा जाएं धोका
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए केंद्र सरकार का अधिकृत पोर्टल crsorgi.gov.in है. मगर crsorgigov.com और crsgov.com जैसे फर्जी वेबसाइट से हुबहू असली जैसा दिखने वाला प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है. फर्जी प्रमाण पत्र में भी क्यूआर कोड व बार कोड से लेकर नगर निकाय के पदाधिकारी का डिजिटल मुहर भी है. मतलब एक नजर में एक्सपर्ट भी धोका खा जाएं कि ये असली है या नकली. क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद ही यह पता चलेगा कि सरकारी वेबसाइट में इसकी डिटेल दर्ज है या फर्जी वेबसाइट में है.