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रांची: जेठ जतरा पूजा समिति, पंडरा द्वारा आज जेठ जतरा का आयोजन किया गया. सरना आदिवासियों ने पारंपरिक तरीके से पूजा-पाठ किया. पहान अजय तिर्की, कोटवार, पाईनभोरा ने ईष्ट देवी देवताओं को प्रसाद स्वरूप हंड़िया और रंगवा मुर्गा की बलि देकर सुख - शांति समृद्धि एवं अच्छी खेती बारी की कामना, बीमारी से बचे रहने और गांव मे आपसी एकता भी कायम रखने की प्रार्थना की. इसके बाद नृत्य एवं संगीत का आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों की संख्या में युवक-युवतियां और लोगों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि जतरा झारखंडी संस्कृति पहचान है. अपने पहचान को बनाए रखना, संस्कृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि झारखंड की संस्कृति और अखरा परंपरा जतरा के कारण बची हुई है. इसे पीढ़ी दर पीढ़ी परोसने की जरूरत है ,जतरा हमे एक सूत्र में बांधने का काम करता है. जेठ जतरा पूजा समिति के अध्यक्ष सुका उरांव ने कहा कि जतरा हमे भाईचारा एवं शांति का संदेश देता है. डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि अपनी प्रतिभा को हर क्षेत्र मे प्रदर्शित कर उचित जगह बनाने की जरूरत है. इसके लिए शिक्षा प्रमुख हथियार हो सकता है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से अजीत कच्छप, मदन कच्छप, बसंत विंहा, टेनका कच्छप, दीपक तिर्की, दशरथ किस्पोट्टा, छोटी तिर्की, गुड़िया तिर्की,गांगी तिर्की, अमित तिर्की,सुकरा तिर्की आदि की अहम भूमिका रही.
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