रांची सहित पांच जिलों में मीटर रीडर लगातार छोड़ रहे हैं काम, गिर रहा है बिलिंग प्रतिशत
कौशल आनंद/न्यूज11 भारत
-न्यूत्तम मजदूरी से भी कम का भुगतान मीटर रीडरों को कर रही है कंपनी भुगतान
-अरबन के मीटर रीडरों को 4000 तथा रूलर मीटर रीडरों को मिल रहा है मासिक 1500 रूपए के करीब, धड़ाधड़ छोड़ रहे हैं काम, एजेंसी 15 हजार का डीडी भी नहीं कर रहा है वापस
कोरोना संक्रमण और लॉक डाऊन के बाद रांची एरिया बोर्ड के अधीन रांची सहित पांच जिले में शुरू हुई ऑन स्पॉट बिलिंग काम अब दम तोड़ता नजर आ रहा है. रांची एरिया बोर्ड के अधीन रांची, गुमला, सिमडेगा, खूंटी एवं लोहरदगा जिले आते हैं. जून में नयी एजेंसी कंपीटेंट इनर्जी ने काम-काज शुरू किया. मगर जून से लेकर अब तक शायद ही कोई ऐसा महीना गुजरा हो जब शत-प्रतिशत बिलिंग हुआ हो. अब जो नयी जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार कभी ऑन स्पॉट बिलिंग का काम चरमरा सकती है. इसके पीछे की मुख्य वजह मीटर रीडर (उर्जा मित्र) को न्यूनत्तम वेतनमान से कम पैसा का भुगतान. इसके कारण मीटर रीडर धड़ाधड़ काम छोड़ रहे हैं. इसके कारण बिलिंग का काम पटरी से उतरता नजर आ रहा है.
अरबन क्षेत्र के मीटर रीडरों को 4 हजार और रूलर क्षेत्र के मीटर रीडरों को 1500 महीना
जानकारी के अनुसार नयी एजेंसी मीटर रीडरों को इतना कम पैसा दे रहा है कि वे लोग परेशान होकर काम छोड़ रहे हैं. शहरी क्षेत्र के मीटर रीडरों को महज 4000 से 4500 रूपए तथा ग्रामीण क्षेत्रों के मीटर रीडरों को महज 1500 रूपए महीना ही मिल रहा है. इतने कम पैसे में अब मीटर रीडर काम करने को तैयार नहीं हो रहे हैं.
250 मीटर रीडरों ने काम छोड़ा, वापस नहीं मिल रहा है सिक्यूरिटी मनी का भी पैसा
रांची एरिया बोर्ड में करीब 800 मीटर रीडर ने नयी एजेंसी के बतौर मीटर रीडिंग का काम शुरू किया. मगर मिली जानकारी के अनुसार 250 से अधिक मीटर रीडर काम छोड़ चुके हैं. मीटर रीडरों ने नाम कोट नहीं करने की शर्त पर बताया कि काम छोड़ने वाले उर्जा मित्रों को सिक्यूरिटी के नाम पर ली गयी 15 हजार रूपए भी कंपनी वाले वापस नहीं कर रहे हैं. इससे उनकी परेशानी और बढ़ गयी है.
JBVNLके तय प्रति बिलिंग रेट का 70 प्रतिशत भी मीटर रीडरों को नहीं हो रहा है भुगतान
जेबीवीएनएल ने बिलिंग एजेंसी को शहरी क्षेत्र में प्रति बिलिंग 12.80 रूपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 6.40 रूपए प्रति बिलिंग तय किया है. साथ ही प्रतिदिन प्रति उर्जा मित्रों को 1000 बिलिंग करना है. अगर जेबीवीएनएल के तय रेट का 70 प्रतिशत भी भुगतान उर्जा मित्रों को नहीं किया जा रहा है. यानि की एजेंसी की मनमानी के कारण उर्जा मित्र शोषित होने रहे हैं. यही कारण है कि अब वे इस एजेंसी के तहत बिलिंग का काम नहीं करना चाहते हैं.
नवंबर माह बिलिंग का प्रतिशत
रांची शहरी : 90 प्रतिशत, ग्रामीण : 85 प्रतिशत
गुमला : 62 प्रतिशत
लोहरदगा : 72 प्रतिशत
सिमडेगा : 75 प्रतिशत
खूंटी : 90 प्रतिशत
क्या कहते हैं बिलिंग एजेंसी संचालक
कंपीटेंट इनर्जी के प्रोजेक्ट इनचार्ज आर्दश सिंह ने बताया कि डीडी वापसी के लेकर जो बातें आ रही हैं, पूरी तरह गलत है. जब से जेबीवीएनएल का आदेश आया कि जो डीडी लिया गय है वह वापस करना है, उसके बाद से रेगुलेर यह वापसी जारी है. जो लोग छोड़ रहे हैं, उन्हें भी परोपर चैनल के माध्यम से वापसी की प्रकिया जारी है. रही बात वेतन और उर्जा मित्रों की छोड़ने की तो यह कंपनी पॉलिसी डिसिजन है. हम बस इतना कह सकते हैं उर्जा मित्रों को मिनिमन वेजेज के हिसाब से वेतन दिया जा रहा है.