NEWS11 स्पेशलPosted at: मई 17, 2022 ED ने सरकार से मांगे मनरेगा घोटाले और कठौतिया कोल माइंस की फाइलें
मनरेगा घोटाले और कठौतिया कोल माइंस में पूजा सिंघल को पाया गया था दोषी
न्यूज 11, भारत
रांची: प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड सरकार से आइएएस पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में दोषमुक्त करने और पलामू के कठौतिया कोल माइंस 88 एकड़ से अधिक जमीन की बंदोबस्ती किये जाने के मामले की फाइल मांगी है. इन दोनों मामलों में एसीबी को जांच करने की अनुमति नहीं दिये जाने के सरकार के कदम की जानकारी कार्मिक, प्रशासनिक औऱ् राजभाषा सुधार विभाग से मांगी गयी है. ईडी ने संबंधित विभागों को पत्र भी लिखा है. खूंटी और चतरा जिले में उपायुक्त के पद पर पदस्थापित रहने के क्रम में पूजा सिंघल के कार्यालय की तरफ से मनरेगा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. आइएएस पूजा सिंघल पर 2007-08 से लेकर 2009-10 तक के कार्यकाल में हुए 18.94 करोड़ से अधिक के मनरेगा घोटाले में प्रथम दृष्टया दोषी मानकर प्रारंभिक कार्रवाई शुरू की गयी थी. यह भुगतान अग्रिम के रूप में निलंबित कनीय अभियंता राम विनोद सिंह को दिये गये थे, वहीं चतरा जिले में दो एनजीओ को मनरेगा के कार्य को लेकर चार करोड़ रुपये से अधिक दी गयी थी.
तत्कालीन कार्मिक सचिव निधि खरे ने रिपोर्ट पर ग्रामीण विकास विभाग से राय लेने की बात लिखी थी. तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने पूजा सिंघल को आरोपों से दोषमुक्त करने संबंधी प्रस्ताव पर असहमति जताई थी. उस समय प्रधान सचिव रहे एपी सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गयी थी. एपी सिंह की कमेटी ने ही आइएएस पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले के आरोपों को लेकिन सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दी थी. पलामू जिले में कठौतिया कोल माइंस से जुड़े 83 एकड़ जमीन आवंटन में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी थी. कठौतिया कोल माइंस मामले में प्रमंडलीय आयुक्त एनके मिश्रा ने पूजा सिंघल पर प्रपत्र क गठित कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी. कमिश्नर एनके मिश्रा ने 29 जनवरी 2015 को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी.उसमें पूजा सिंघल को दोषी बताया था.