न्यूज11 भारत
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को CRPF जवान का अपने ही साथियों पर गोली चलाने की घटना से जवानों के मानसिक तनाव का मुद्दा चर्चा पर है. जवानों के मानसिक तनाव को कम करने की कवायद भी कई स्तर पर किए जा रहे है. अब उस प्रस्ताव पर बात हो रही है, जिसमें कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य या तनाव में रह रहे जवानों को चिन्हित कर उन्हें बिना हथियार या गोला बारूद जैसे आसान तैनात दिया जाए और उनके काउंसलिंग पर भी जोर दिया जाए.
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ की घटना के बाद यह प्रस्ताव रखा गया है कि किसी जवान का व्यवहार असमान्य दिखे तो उसपर नजर रखने के बाद उसके स्थिति की पुष्टि की जाए. इसमें कहा गया है कि शांत रहने वाले या परेशान जवानों पर नजर रखी जाए और उसकी पुष्टि होने के बाद ऐसे जवानों को गोला-बारूद की तैनाती देकर प्रशासनिक निर्णय लिया जाए.
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मालूम हो, जवानों के आत्महत्या और अपने साथी जवानों पर हमला करने के कई मामले सामने आए हैं. इन घटनाओं की वजह मानसिक तनाव बताया जा रहा है. इसलिए जवानों के तनाव और ऐसे घटनाओं को कम करने की कवायद कई स्तर पर की जा रही है. इनके तनाव को कम करने के लिए इन्हें जरूरी छुट्टी देने की भी बात कही गई है. इसके आलावा नई कवायद ‘चौपाल’ की भी योजना है.
• नई कवायद ‘चौपाल’ के तहत सभी यूनिट के वरिष्ठ अधिकारी जूनियर्स के साथ बातचीत करेंगे.
• बातचीत के लिए समूहों को छोटा रखा जाएगा. एक समूह में 18-20 जवान होंगे.
• जवानों से वरिष्ठ अधिकारी 1-2 घंटे लंबी बातचीत करेंगे.
• इस दौरान जवानों के निजी जीवन पर प्राथमिक रूप से चर्चा की जाएगी.
• इन सभी बातचीत की गोपनीयता बनाए रखने की बात की गई है.