रांची: सीआईडी ने पाकुड़ से 47 बोरा अमोनिया नाइट्रेट बरामद मामले में जांच पूरी कर ली है. इस मामले में सीआईडी ने केस के अनुसंधानकर्ता को आदेश दिया है कि केस को बंद कर दें. सीआईडी का कहना है कि इस मामले में नया कोई भी साक्ष्य नहीं मिल पाया है. भविष्य में किसी प्रकार का साक्ष्य मिलने की संभावना नहीं है. वर्ष 2012 में पुलिस ने पाकुड़ इलाके में 47 और अमोनिया नाइट्रेट बरामद किया था. इस मामले में इंस्पेक्टर अवधेश कुमार ठाकुर का बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. सीआईडी में इस मामले में तीन लोगों को निर्दोष बताते हुए मुजिबुल शेख को फरार बताया है. इस मामले में चार्जशीट दायर कर दिया गया है. भारी मात्रा में अमोनिया नाइट्रेट बरामद होने के बाद पाकुड़ पुलिस के द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लेकिन वर्ष 2012 में सीआईडी ने इस केस को टेकओवर कर लिया था. इस मामले में सीआईडी के द्वारा लगातार अनुसंधान किया गया लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया. लगातार 9 साल तक के अनुसंधान करने के बाद सीआईडी नहीं से बंद करने का आदेश दिया है.
रांची के कई इलाकों में भी बरामद हो चुका है अमोनिया नाइट्रेट
राजधानी में पुलिस के द्वारा कई इलाकों से अमोनिया नाइट्रेट बरामद किया जा चुका है. इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. रांची पुलिस के द्वारा दर्ज सभी मामलों में जांच चल रही है. हालांकि रांची पुलिस अभी तक स्पष्ट नहीं कर पाई है कि अमोनिया नाइट्रेट किस राज्य से आता है और इसका सरगना कौन है. अमोनिया नाइट्रेट बरामदगी के दौरान जो भी व्यक्ति पुलिस के द्वारा पकड़ा जाता है पुलिस उसे जेल भेज कर गिरोह के अन्य लोगों को पकड़ नहीं पाती है.
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