के एन यादव/न्यूज 11 भारत
दुमका/डेस्क:-मसलिया प्रखंड के आमगाछी पंचायत के सरमुंडी गांव के सात टोलों में इनदिनों पेयजल संकट गहराया हुआ है. यहां के ग्रामीण पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. इन सात टोलों में वर्तमान समय में मात्र तीन चापाकल चालू अवस्था में है जिससे ग्रामीण किसी तरह कंठ भिगो रहा है. मुख्यमंत्री जल नल योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 में दुमका के संवेदक विनोद लाल ने तीन जलमीनार लगवाया था जो कुछ दिनों के बाद देख रेख व मेंटनेंस के अभाव में शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. सरकार की ओर से लाखों की योजनाएं विफल साबित हुई है. ग्रामीण बताते हैं कि गांव के आदिवासी कला संस्कृति भवन के समीप लगाया गया जलमीनार के बोरिंग में समरसेबल नीचे गिर गया जिसके बाद संवेदक विनोदलाल काम को ही अधूरा छोड़कर चला गया है. दोबारा चार सालों में एक भी बार गांव नहीं पहुंचा है. यही नहीं इस जलमीनार से थोड़ी ही दूरी पर दूसरा जलमीनार लगाया गया वह भी अनियमितता की भेंट चढ़ गया. ग्रामीण महिलाएं बताती है कि एक दिन भी पानी ग्रामीणों को नशीब नहीं हुआ है. टंकी में योजना का बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है. पहाड़िया टोला,प्रधान टोला, सोसो टोला, ऊपर टोला, नीचे टोला सभी मिलाकर तकरीबन डेढ़ सौ परिवार यहां बसोवास करते हैं . जिनकी आबादी पांच सौ है. इतनी बड़ी आबादी महज तीन चापाकल पर निर्भर है. चिलचिलाती गर्मी में ग्रामीणों को चापाकल से पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है जिस कारण कुएं का पानी छान कर आदिवासी महिलाएं पी रही है. सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन होने के बाद भी भी ग्रामीणों को कुआं का पानी पीना पड़ता है.
क्या कहते हैं सरमुंडी गांव के ग्रामीण:-
गांव में जलमीनार लगाया जा रहा था तो उस वक्त यह आस जगी थी कि सभी को घर घर शुद्ध पानी मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. योजनाएं फेल्योर साबित होती गई.- कमल हेम्ब्रम, ग्रामीण सरमुंडी
आदिवासी समुदाय के उत्थान की लाख दावे सभी दल के नेतागण कर ले लेकिन हकीकत कुछ और ही है बयां करती है. सरमुंडी गांव में पुराने कुंआ का पानी पीते इस दृश्य से सरकार की दावे की पोल खुलती नजर आयेगी.-छवि मरांडी, ग्रामीण सरमुंडी
कुआं का पानी से ग्रामीणों की प्यास बुझ रही है. सरकार लाखों करोड़ो रुपए की योजनाओं का राशि पानी की तरह बहा रहा है. विभागीय अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार है.- मोहरिल हेम्ब्रम, ग्रामीण सरमुंडी
संवेदक व अधिकारी की ढुलमुल रवैया के कारण योजनाएं धरातल पर लागू नहीं हो पा रही है. जिससे ग्रामीणों को योजना का सही रूप से लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों की मांग है कि सरकार आदिवासियों के समस्याओं पर ध्यान दें.-सुनोती टुडु, ग्रामीण महिला
इस संदर्भ में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता अनूप कुशवाहा से बात करने पर बताया कि मिस्त्री को भेजकर जल्द ही जलमीनार को ठीक करा दिया जाएगा. ग्रामीणों की समस्या जल्द बहाल कर दिया जाएगा.