न्यूज11 भारत
रांची: बजट सत्र के 12 वें दिन भाजपा के विधायकों ने सदन शुरू होने से पहले ही हाथों में तख्ती लेकर सदन के बाहर धरने पर बैठ गए. इन विधायको की मांग थी की मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को बर्खास्त किया जाए. हाथों में तख्ती लेकर सदन के बाहर धरने पर बैठे इन बीजेपी के विधायक की मांग है कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच हो.
विपक्ष की ने सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुन एक्का मामले में भी उन्होने बर्खास्तगी की मांग की है. बता दें अरून एक्का मामला बाबूलाल के द्वारा किए गए ट्वीट के बाद उछला जिसके बाद झारखंड कि राजनीति में एक सियासी भूचाल सा आ गया. अवैध खनन मामलों सहित कई विवादों से घिरे हेमंत सोरेन पहले ही ईडी के दायरे में आ चुके है.
इस संबंध में उनसे पूछताछ भी हुई थी. वहीं लगातार विवादों से जुड़े झारखंड के सीएम के प्रधान सचिव पर इस प्रकार आरोप लगना और रातोरात उनका ट्रांसफर हो जाना मामले को और तूल देता है. इधर लगातार बजट सत्र के दौरान साकार पर हमलावर रही बीजेपी जैसे कोइ मौका छोड़ना नहीं चाहती है.
होली अवकाश के बाद से अपने आक्रमक तेवर में पारी खेल रही भाजपा रोज एक मुद़दे को लेकर धरने पर बैठ रही. पिछले दिनो नियोजन नीति को लेकर जमकर सदन में बवाल किया. यहां तक कि सदन का चलना ही मुस्किल हो गया. भगवा टीशर्ट में नारे व स्लोगन लिख कर प्रदर्शन कर रहे विपक्ष को कई बार स्पीकर की फटकार भी सुननी पड़ी थी.
इसके बाद अब विपक्ष सरकार को अरुण एक्का मुद्दे पर घेर रही है. बताते चले कि सीएम के पूर्व प्रधान सचिव अरुण एक्का को ईडी ने समन जारी कर पूछताछ के लिए रांची कार्यालय बुलाया है. मालूम हो कि भाजपा के द्वारा जारी विडीयो क्लिप को लेकर झारखंड की राजनीति में आए भूचाल के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को एक बार फिर समन भेजा है.
इस बार उन्हें 27 मार्च के दिन के 11:00 बजे रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है. बता दें इससे पहले उन्हें समन जारी कर 15 मार्च को कार्यालय हाजिर होने का निर्देश दिया गया था. वहीं इडी द्वारा पहला समन मिलने के बाद अरुण एक्का ने इडी को पत्र लिख कर समय की मांग की थी.
मालूम हो कि उन्होंने इडी को भेजे गये अपने पत्र में लिखा था कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 मार्च तक चलेगा. दस दौरान उनका वहां उपस्थित रहना जरूरी है, इसलिए उन्हें 24 मार्च के बाद का कोई समय दिया जाये. 24 मार्च के बाद वह इडी द्वारा दिये जानेवाले समय पर पूछताछ के लिए हाजिर होंगे.