बाबूलाल मरांडी का आरोप प्रदेश में लूट का साम्राज्य स्थापित
राज्य हित में हेमंत सोरेन की सरकार का जाना सही होगा
न्यूज11 भारत
रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दो सालों से बालू की लूट मची हुई है. झारखंड में मनचाहे लोगों को शराब का ठेका दिया गया और उनके अनुसार उत्पाद नीति में बदलाव कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम हेमंत सोरेन ने अपने प्रेस सलाहकार, विधायक प्रतिनिधि, विधायक प्रतिनिधि की पत्नी, डीसी की पत्नी के नाम से खनन पट्टे बंटवाये. कानून को ये लोग धत्ता बता रहे हैं. यहां पर ग्रांड माइनिंग कंपनी की चर्चा हो रही है. यह खनन पट्टा पाकुड़ में है. वहां पर इल्लीगल माइनिंग हुई. ग्रांड माइनिंग के लोगों ने जुर्माने की राशि भी जमा नहीं की. ग्रांड माइनिंग ने फारेस्ट में भी रास्ता बनवाकर पत्थर की ढुलाई की. वन क्षेत्र इलाके में रास्ता बना दिया गया. केस भी किया गया. आज तक कार्रवाई नहीं हुई. कानून का इस प्रकार का उल्लंघन सत्ता में बैठे हुए लोग कर रहे हैं. ऐसे में राज्य में भ्रष्टाचार कैसे मिटेगा. सहुलियत आम जनता को कैसे मिलेगी. प्रदेश में लूट का साम्राज्य बना हुआ है, जिसे शिबू सोरेन के परिवार ने स्थापित किया. झारखंड में पूरी तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. बाबूलाल मरांडी सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य हित में इस सरकार का चला जाना ठीक होगा. राज्य में शिबू सोरेन का परिवार सबसे बड़ा बोझ है. यह परिवार दागी अफसरों को संरक्षण देता रहा है. दागी अफसरों को अहम पदों पर बैठाया गया है.
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भाजपा विधायक दल के नेता ने कहा कि झारखंड में भी गरीबी है. चर्चा झारखंड की अधिक होती है. झारखंड का परसेप्शन भ्रष्टाचार, ट्रांसफर, लूट की अधिक होती है. झारखंड के नाम पर पहली बार बात करनेवाला व्यक्ति भी कानून व्यवस्था, लूट, भ्रष्टाचार की बात करता है. सत्ता में झामुमो और कांग्रेस बैठी है. 28 महीने के इनके शासन को देखने से पता चलता है कि लोकतंत्र में काम की व्याख्या की गयी है. इसमें विधायिका, न्यायपालिका का कार्य डीफाइन की गयी है. हेमंत सोरेन के नेतृत्ववाली सरकार ने कार्यपालिका के नियमों को पूरी तरह से बदल दिया. अपने हिसाब से कार्यपालिका को चलाने की कोशिश शुरू कर दी है. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हर समय बालू का मामला विधानसभा में उठाया गया. पिछले बार जो सरकार ने जवाब दिया था, वही जवाब दो साल बाद भी दिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है. नदी-नाले से बालू लानेवाले ग्रामीणों पर केस मुकदमे हो रहे हैं. सरकार की तरफ से माइनिंग लीज के मामले में पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं दिया गया. कानून सबके लिए नहीं है. सरकार नियम कानून से नहीं चल रही है. बालू की लूट दो सालों से मची हुई है. राज्य में लीगल काम नहीं हो रहा है. अवैध काम अधिक चल रहा है. अवैध खनन सत्ता में बैठे लोगों तक कर रहे हैं.