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रांची : जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में राज्य के कई जिलों में गड़बड़ी सामने आ रही है. रजिस्ट्रार की बजाय सब-रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के हस्ताक्षर से भी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं, जबकि यह नियमानुसार गलत है.
दुमका और पाकुड़ जिले के कई निबंधन इकाई में सब-रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से प्रमाण पत्र जारी हुआ है. ऐसे में योजना एवं विकास विभाग के निदेशक सह अपर मुख्य रजिस्ट्रार डॉ. माधव ने सभी जिला के डीसी सह जिला रजिस्ट्रार से कहा है कि सब-रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से जारी किए गए प्रमाण को निरस्त करने की कार्रवाई करें. उन्होंने आदेश दिया है कि सब-रजिस्ट्रार द्वारा जारी प्रमाण पत्रों की सूची (नाम, रजिस्ट्रेशन संख्या, दिनांक और निबंधन इकाई) पूरी डिटेल से तैयार कर निदेशालय भेजें. ताकि, ORGI के CRS database से उन रजिस्ट्रेशन को हटाने के लिए महारजिस्ट्रार (नई दिल्ली) से अनुरोध किया जा सके.
अब आगे क्या….
सभी जिलों के डीसी को आदेश दिया गया है कि जो प्रमाण पत्र सब-रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं, उसे निरस्त करने की कार्रवाई करने के साथ ऐसे सभी रजिस्ट्रेशनों की जांच कराई जाए और उन प्रमाण पत्रों में जन्म या मृत्यु की घटना की वास्तविकता पाने के बाद उन प्रमाण पत्रों को सक्षम प्राधिकार से जारी कराने की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई की जाए. साथ ही ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उनपर कार्रवाई करने कहा गया है, जिनके द्वारा साइबर फ्रॉड की गतिविधियां की गई है.
यह है नियम
जन्म-मृत्यु अधिनियम 1969 की धारा 7 (5) में प्रावधान है कि मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के अनुमोदन से रजिस्ट्रार अपनी सहुलियत के लिए उप रजिस्ट्रार नियुक्त कर सकते हैं. रजिस्ट्रार अपनी कोई या सभी शक्तियां और कर्तव्य सब-रजिस्ट्रार को सौंप सकते हैं. मगर दुमका-पाकुड़ और रांची सहित अन्य जिलों में भी किसी भी निबंधन इकाई में मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) द्वारा उप रजिस्ट्रार नियुक्त करने का अनुमोदन प्रदान नहीं किया गया है.
नामकुम बीडीओ से मांगी गई कार्रवाई की जानकारी
रांची नगर निगम की तरह नामकुम के कुटियातु पंचायत में भी सब-रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) का गैर कानूनी तरीके से लॉगिन तैयार कर प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है. इसको लेकर डीसी ने बीडीओ को पूर्व में ही निर्देश दिया था कि ऐसा करने वाले व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए सब-रजिस्ट्रार द्वारा जारी प्रमाण पत्रों की सूची और रजिस्ट्रेशन संख्या आदि उपलब्ध कराएं. इस निर्देश के बाद नामकुम बीडीओ की ओर से जांच कमेटी गठित की गई है. मगर अभी तक जांच प्रतिवेदन जिला को नहीं भेजा गया. इसको लेकर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार विमल कुमार ने नामकुम बीडीओ को पत्र लिखकर कहा है कि दो दिनों के अंदर की गई कार्रवाई की सूचना दें. ताकि, डीसी को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जा सके.