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रांचीः झारखंड में इन दिनों गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव का नाम सब की जुबान पर है. झारखंड का मोस्ट वांटेड अपराधियों में से एक रहा है अमन श्रीवास्तव. उसके ऊपर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण जैसे दर्जनों केस दर्ज हैं. पर शायद किसी को भी पता नहीं होगा कि ये इतना बड़ा गैंगस्टर कैसे बना. तो आइए जानते है झारखंड का मोस्ट वांटेड अपराधी कैसे बना इतना बड़ा गैंगस्टर.
आखिर अमन श्रीवास्तव कैसे बना इतना बड़ा गैंगस्टर
अमन का परिवार मूल रूप चतरा जिले के कुपा गांव का रहने वाला है. उसकी मां का नाम मीना देवी है. अमन श्रीवास्तव शुरूआत से ही गैंगस्टर नहीं था. कोई भी आदमी जन्म से अपराधी नहीं बनता है बल्कि उसके अपराधी बनने की कोई ना कोई वजह जरुर होती है. इसी तरह अमन यूंहि इतना बड़ा कुख्यात गैंगस्टर नहीं बना. अमन के पिता सुशील श्रीवास्तव कोयलांचल के बड़े गैंगस्टर थे. रंगदारी का नेटवर्क उसी ने डेवलप किया था. हत्या के एक मामले में उसके पिता को जेल में आजीवन कारावास की सजा मिली थी. साल 2015 में उसके पिता सुशील श्रीवास्तव को हजारीबाग कोर्ट परिसर में अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. पिता की हत्या के बाद हत्यारों से बदला लेने के लिए अमन ने हथियार उठा लिया. पिता की हत्या का आरोप दूसरे गैंग के किशोर पांडेय पर लगा था. इसका बदला लेने के लिए ही अमन ने 2016 में किशोर पांडेय के बुजुर्ग पिता कामेश्वर पांडेय की पतरातू में हत्या कर दी थी. उसके बाद से ही फिर पिछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद अमन श्रीवास्तव ने गिरोह की कमान संभाल ली थी. अमन को विरासत में यह कद मिला है.
दूसरे ठिकानों से ऑपरेट करता था गैंग को
अमन श्रीवास्तव झारखंड में पिछले आठ साल से अज्ञात ठिकानों से बड़े आपराधिक गैंग को ऑपरेट करता रहा है. अमन श्रीवास्तव खुद सीधे तौर कभी भी न तो कोई कांड करता है और न ही लेवी ही वसूलता है. वह अपने गुर्गों-सहयोगियों के माध्यम से दहशत फैलाने के लिए गोलीबारी व आगजनी की घटना को अंजाम दिलाता था. रंगदारी के रूप में मिलने वाली राशि भी वह खुद नहीं लेता था. हवाला के माध्यम से अपने रिश्तेदारों तक लेवी की राशि मंगवाता था. पुलिस ने पिछले आठ सालों में अमन श्रीवास्तव के दर्जनों गुर्गों को गिरफ्तार किया, लेकिन उसके ठिकाने तक पुलिस कभी पहुंच नहीं पाई. उसके कभी महाराष्ट्र, कभी कर्नाटक, कभी आंध्रप्रदेश तो कभी मध्य प्रदेश में होने की सूचना जरूर मिलती थी.
जानिये कितने मामले दर्ज हैं अमन श्रीवास्तव पर
पुलिस ने अमन श्रीवास्तव के खिलाफ रांची, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले के अलग-अलग थानों में 23 मामले दर्ज कर रखे हैं. अमन का गिरोह झारखंड के इन पांच-छह जिलों से हर महीने करोड़ों रुपए की रंगदारी वसूलता रहा है. कोयला, पत्थर, बॉक्साइट माइनिंग से लेकर ट्रांसपोटिंर्ग, टेंडर, कन्स्ट्रक्शन तक से जुड़े कारोबारियों और कंपनियों से अमन श्रीवास्तव रंगदारी वसूलता था. गिरोह के गुर्गे कारोबारियों, माइनिंग करने वालों, ठेकेदारों की लिस्ट बनाकर उनसे नियमित तौर पर रंगदारी वसूलते रहे हैं. वहीं जो लोग उसकी हिटलिस्ट में हैं, उन्हें पता है कि अमन श्रीवास्तव गैंग की ओर से की गई डिमांड पर ना करने का अंजाम खतरनाक होता है. हालांकि, उसके गिरोह ने सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर मामले अनरिपोर्टेड रहे हैं