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रांचीः राज्य के कई स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां मिल गई है वहीं कई स्कूलों और यूनिवर्सिटी में अभी तक छुट्टियों की घोषणा नहीं की गई. इसी बीच यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए एक खबर सामने आई है दरअसल राज्य में यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को अब समर और विंटर की लंबी-लंबी छुट्टियां नहीं मिलेगी. बता दें, झारखंड राजभवन ने छुट्टियों की संख्या को सामान्य विभागों के बराबर करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, इस नए फरमान से बच्चों में तो खासा उत्साह है मगर शिक्षकों में नाराजगी है.
रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने दी जानकारी
झारखंड की यूनिवर्सिटी में समर और विंटर की शिक्षकों को छुट्टियां नहीं मिलेगी इसे लेकर झारखंड राजभवन ने यूनिवर्सिटी के सभी कुलपतियों को नोटिफिकेशन जारी किया है साथ ही उन्होंने है कि आप वे सामान्य विभागों की तरह छुट्टियों का उपयोग करेंगे. नोटिफिकेशन के मुताबिक, कुलपतियों को सिर्फ और सिर्फ 5 अतिरिक्त छुट्टियां ही देने का अधिकार दिया गया है. वहीं, 22 मई से शुरू होने वाली गर्मी की छुट्टियों को भी टाल दिया गया है अब यह छुट्टियां 1 जून से शुरू होंगी. इस बात की जानकारी खुद रांची यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने दी है.
कई शिक्षकों ने बना लिया था रिजर्वेशन और छुट्टियों का प्लान
राजभवन की ओर से यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए जारी इस फरमान से शिक्षकों में बेहद नाराजगी है अधिकांश शिक्षकों ने गर्मियों की छुट्टी यानी 22 मई के आधार पर अपने-अपने रिजर्वेशन और छुट्टियां प्लान भी कर रखी थी. जिसमें छेड़छाड़ होने से अब उन्हें नुकसान होगा.
यूनिवर्सिटी नए फैसले से के बच्चे खुश
बता दें, छुट्टियों के लिए यूनिवर्सिटी और स्कूलों के शिक्षकों का प्रोफेशन सबसे आदर्श माना जाता है उन्हें लंबी-लंबी छुट्टियां मिलती हैं. गर्मी की छुट्टियों के तारीख के हिसाब से शिक्षकों ने अपने रूटीन तय कर लिए थे कि इन छुट्टियों में कहां और कैसे निकाल लेंगे. मगर फरमान आने के बाद कि उन्हें अब छुट्टियां नहीं मिलेगी. वे काफी नाराज है. इधर, यूनिवर्सिटी के बच्चे इस नए फैसले से खुश तो है मगर गर्मियों की छुट्टियों को कम करने के पक्षधर नहीं हैं उन्हें भी लगता है कि सख्त गर्मियों में कॉलेज बंद ही रहना चाहिए.
हालांकि झारखंड राजभवन का फैसला कुछ भी हो, लेकिन स्वागत के योग्य है भारत में ऐसे ही छुट्टियां बहुत होती हैं. शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों का समय छुट्टियों में बर्बाद होता है, यह एक ऐतिहासिक फैसला है मगर उसको अचानक लागू करने पर कुछ विरोध जरूर हो सकता है.