फराह खान/न्यूज 11 भारत
हुनर के लिए उम्र मायने नहीं रखती. अगर आपके पास हुनर है और आप कुछ करने की ठान लो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता. ऐसे ही कहानी है दिल्ली के सर्वोदय बाल विद्यालय के 9वीं कक्षा के छात्र राजन की, जो अभी सिर्फ़ 15 साल का है लेकिन उसके सपने और उसके हुनर अपने आप में बहुत बड़े हैं. राजन एक साधारण परिवार से है और वो जानता है कि चीजों की क़ीमत क्या होती है इसलिए उसने कबाड़ से यह बुलेट बना दी. यह सफ़र आसान नहीं था बहुत पापड़ बेलने पड़े माता पिता से सच छुपाना पड़ा, लेकिन इसे पूरा करने के बाद जो खुशी उनके चेहरे पे है वो अनमोल है.
स्कूल का टास्क कहकर शुरू किया था काम
राजन के पिता ने बताया कि स्क्रैप बाइक का मिलना काफी मुश्किल था. लगभग सभी ने देने से इनकार कर दिया था. सबका कहना था कि इसमें चेचिस नंबर होता है. फिर आखिरकार काफी संघर्ष करने के बाद दस हजार रुपए की रॉयल एनफील्ड बाइक मिली. बाइक बनाने के लिए सामान जुटाने में एक माह का समय लगा है. वहीं राजन के पिता दशरथ शर्मा ने बताया कि ई-बाइक बनाने को लेकर सबसे पहले राजन ने झूठ बोला कि वह स्कूल से मिले टास्क पर काम कर रहा है. इसी के तहत ही उसने ई-बाइक बनाने का काम शुरू किया. उन्होंने कहा कि जब वह ई-बाइक बनाकर स्कूल में लेकर आए तब जाकर पता चला कि यह स्कूल से कोई टास्क नहीं बल्कि राजन का खुद का टास्क था.
राजन ने बताया कि बाईक बनाने से पहले उसने गूगल और यूट्यूब इसके बारे में बहुत कुछ जाना और सीखा. राजन ने यह भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान से ही उसने यह एक्सपेरीमेंट शुरू किया था. इसे तैयार करने में कुल तीन महीने का समय लगा है. वहीं उसने बताया कि इसको बनाने में लगभग 45 हज़ार रुपए का खर्च भी आया है. इस पर राजन के टीचर का कहना है कि मुझे बहुत गर्व है राजन पे, यह काफी आगे जाएगा.
बाईक की खासियत
यह ई-बाइक घर पर आसानी से चार्ज की जा सकती है और एक बार चार्ज करने पर यह 100 किलोमीटर तक चलेगी. इसके साथ ही इस बाइक की खासियत यह भी है कि यह पॉल्यूशन-फ्री (Pollution Free) होगा.