सरफराज कुरैशी/ न्यूज 11 भारत
रांची: कोरोना की दूसरी लहर कई लोगों के जीवन में भूचाल ला दिया है. रांची में 1500 से अधिक लोग कोरोना से जंग हार गए। वहीं, कई बच्चों के सिर से उनके माता-पिता का साया हट गया. ऐसे अनाथ बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम लाई है. केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ राजधानी के 21 बच्चों को मिलेगा. डीसी छवि रंजन के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से इसकी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. मालूम हो कि जिला प्रशासन की ओर से ऐसे बच्चों की तलाश व कागजी कार्रवाई करने के लिए एक अलग टीम भी बनाई है. मतलब आने वाले समय में अगर कोई पूरी तरह से अनाथ बच्चा मिलता है तो उसे पीएम केयर्स योजना से जोड़ा जाएगा.
163 बच्चों को दिया जा रहा स्पांसरशिप योजना का लाभ
कोरोना काल के दौरान ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई या ऐसे बच्चे जिन के सिंगल पैरेंट्स बचे हैं उनकी भी तलाश जारी है. जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के अनुसार कोरोना काल के दौरान ऐसे 163 बच्चों को चिह्नित कर उन्हें स्पांसरशिप योजना से जोड़ दिया गया है.
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इन दस्तावेजों के होती है जरूरत
महामारी के बीच अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए शुरू की गई सेवा का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी दस्तावज भी अनिवार्य है. जिसमें बच्चे व अभिभावक की फोटो सहित पूर्ण आवेदन, माता-पिता दोनों जैसी स्थिति हो, उनका मृत्यु प्रमाण पत्र, कोरोना से हुई मृत्यु का साक्ष्य, आय प्रमाण पत्र (यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हुई है तो जरूरी नहीं है), बच्चे का आयु प्रमाण पत्र.
क्या है पीएम केयर्स
कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद्र सरकार की 'पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत आर्थिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य आदि लाभ पहुंचाने का कार्य किया जाएगा. अनाथ हुए जरूरतमंद बच्चों को सहायता राशि मिलेगी. ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक सहायता राशि और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा. इसके अलावा इन बच्चों के लिए फ्री शिक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी. ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा. इसके प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर की तरफ से होगा.